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Published: Jan 06, 2023 03:26 PM IST

Joshimath Troubleजोशीमठ में पड़ी दरारों से बढ़ा टेंशन! 'धामी' सरकार ने माना कि, कीचड़ के साथ पानी का निकलना खतरनाक, हालत 'चिंताजनक'

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Pic: ANI

नई दिल्ली/देहरादून.  आज उत्तराखंड (Uttrakhand)  में आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा एवं गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार ने जोशीमठ में आपदा प्रभावित क्षेत्र का गहराई से निरीक्षण किया। जहां उन्होनोने निरक्षण के बाद साफ़ कहा कि, जोशीमठ में हालात उतने अच्छे नहीं है।

माना हालात हैं खराब 

वहीं इस बाबत आज आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने साफ़ कहा कि अब तक जो दरारें पड़ी थीं वो और भी बड़ी हो गई हैं और यहां अब नए दरारें भी पड़ी हुए हैं, जमीन से जो कीचड़ के साथ पानी निकल रहा है वो भी बहुत खतरनाक है। जिनके घर बहुत क्षतिग्रस्त हुए हैं उन्हें वहां से हटा रहे और जो घर कम क्षतिग्रस्त हुए हैं उसे हम ठीक कर रहे हैं।

क्या है मामला 

जानकारी दें कि, उत्तराखंड (Uttrakhand) के जोशीमठ (Joshimath) शहर के मकानों में पड़ रही दरारों ने वहां के लोगों के साथ अब राज्य की ‘धामी’ सरकार की भी चिंताएं बढ़ गई हैं। इस  भू-धंसाव ने अब सभी वार्डों को चपेट में ले लिया है। इसके के चलते अब जिला प्रशासन वहां रह रहे परिवारों को शिफ्ट करा रहा है। वहीं अब जमीन से निकल रहा पानी खेतों तक भी पहुंच रहा है। यहां 561 घरों में दरारें आ गई हैं और मारवाड़ी के जेपी कॉलोनी में भूमिगत से पानी का रिसाव हो रहा है।

CM धामी पर भी उठी उंगलियां

दरअसल जोशीमठ नगर पालिका के अध्यक्ष का यह संगीन आरोप था कि प्रदेश के CM पुष्कर सिंह धामी ने उनकी बात को अनसुनी कर रहे हैं। वहीं जोशीमठ नगर पालिका के अध्यक्ष शैलेंद्र पवार और सचिव कमल रतूड़ी के मुताबिक, CM धामी के पास उनके और जोशीमठ के लिए समय नहीं था। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री धामी ने उनकी बात 40 सेकेंड तक ही सुनी और यह कहते हुए टरका दिया कि, उन्होंने मामले पर अपना आदेश दे दिया है। चलते बीते दिंनों जोशीमठ में बड़ी संख्या में लोगों ने मशाल जलाकर अपना विरोध प्रदर्शन किया, विरोध प्रदर्शन कर बद्रीनाथ हाईवे को जाम कर दिया था।