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Published: Dec 10, 2022 09:59 AM IST

International Human Rights Dayआज है अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस, जानें कैसे बना हमारे अधिकारों के लिए यह खास दिन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नई दिल्ली: मानवाधिकार संरक्षण (human rights protection) के लिहाज से 10 दिसंबर के दिन का खासमहत्व है। इस दिन को ‘अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस’ (International Human Rights Day) के तौर पर मनाया जाता है।  मानवाधिकार वे अधिकार हैं जो हमारे पास केवल इसलिए हैं, क्योंकि हम मानव है वे किसी भी राज्य द्वारा प्रदान नहीं किए गए हैं। राष्ट्रीयता, लिंग, जातीय मूल, रंग, धर्म, भाषा, या किसी अन्य के कारण भेदभाव किए बिना ये अधिकार हम सभी के लिए है।  

जिसका उद्देश्य विश्वभर के लोगों को मानवाधिकारों के महत्व के प्रति जागरूक (aware) करना और इसके पालन के प्रति सजग रहने का संदेश देना है। देश-दुनिया में 10 दिसंबर को हुई कुछ  घटनाओं के कारण इस दिन को खास बना दिया है।  

-1878 में जामिया मिलिया इस्लामिया के संस्थापकों में से एक मोहम्मद अली जौहर का रामपुर में जन्म। 

-1878 में चक्रवर्ती राजगोपालाचारी का जन्म।

-1896 में नोबेल पुरस्कार के संस्थापक अल्‍फ्रेड बर्नहार्ड नोबेल का निधन।

-1898 में पेरिस संधि के बाद स्पेन-अमेरिका युद्ध समाप्त हुआ।

-1902 में तस्मानिया में महिलाओं को मत देने का अधिकार मिला।

-1950 में इस तारीख को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस घोषित किया गया।

-1992 में गुजरात में देश की पहली होवरक्राफ्ट सेवा की शुरुआत।

-2001 में दिग्गज अभिनेता अशोक कुमार का निधन।

-2007 में क्रिस्टीना फर्नांडीज डी किर्चनेर अर्जेंटीना की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं। 

-2016 में तुर्की के इस्तांबुल में एक फुटबॉल स्टेडियम के पास दो धमाकों में 38 लोगों की मौत।  

संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने 1950 में 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस घोषित किया था। इस साल के मानवाधिकार दिवस का नारा है- डिग्निटी, फ्रीडम, एंड जस्टिस फॉर ऑल और कॉल टू एक्शन।