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Published: Dec 21, 2021 12:53 PM IST

Winter Solstice 2021आज है साल का सबसे छोटा दिन, जाने इसके पीछे क्या है वजह

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नई दिल्ली: कुछ दिनों बाद नया साल लगने वाला है। इसके पहले हम आपको बता दें कि आज 21 दिसंबर है, इसे साल के सबसे छोटे दिन के तोर पर जाना जाता है। जी हां आज सूरज की रोशनी पृथ्वी पर सबसे कम समय के लिए पड़ती है। जैसा की इस बारे में सबको पता है कि की 21 दिसंबर यह साल का सबसे छोटा दिन है लेकिन क्या आपको इसके पीछे की वजह पता है, नहीं ना? तो आइए जानते है इसके पीछे क्या है वजह… 

जानें 21 दिसंबर को क्या होता है

आपको बता दें कि आज यानी 21 दिसंबर को भारत समेत कई देशों में सबसे छोटा दिन होता है। जी हां सबसे छोटे दिन का मतलब है सूरज उगने से अस्त होने के बीच वाला वक्त। इस दिन सूरज अपने निश्चित टाइम से कम समय तक रहता है और सूरज जल्द ही अस्त हो जाता है। इससे दिन तो छोटा हो जाता है और रात बड़ी हो जाती है। यानी सूरज कम देर तक धरती पर अपनी किरणों से प्रकाश फैलाता है। इसलिए 21 दिसंबर को साल के सबसे छोटे दिन के लिए जाना जाता है। 

क्यों होता है ऐसा 

इतनी सब जानकारी मिलने के बाद आपके मन में आखिर ऐसा सवाल तो आया ही होगा कि आखिर ऐसा क्यों होता है। सबसे पहले हम तो आपको बता दें कि ऐसा हर देश में नहीं होता है। जी हा ऐसा सिर्फ पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध के देशों में ही होता है। वहीं, इसके अलावा जो दक्षिणी गोलार्द्ध के जो देश हैं, उनके साथ इसके विपरीत स्थिति होती है और वहां सबसे बड़ा दिन होता है। इस बारे में जानकारी देते हुए बता दें कि पृथ्वी अपने अक्ष पर साढ़े तेइस डिग्री झुकी हुई है। इस वजह से सूर्य की दूरी पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध से ज्यादा हो जाती है। वैसे सभी ग्रह ही अपनी कक्षा में हल्के झुके होते हैं। 

इससे होता ये है कि सूर्य की किरणों का प्रसार पृथ्वी पर कम समय तक होता है। 21 दिसंबर को सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश करता है। इस दिन सूर्य की किरणें मकर रेखा के लंबवत होती हैं और कर्क रेखा को तिरछा स्पर्श करती हैं। इस वजह से सूर्य जल्दी डूबता है और रात जल्दी हो जाती है।  यानी पृथ्वी जब अपनी धुरी पर चक्कर लगाती है तो किसी एक जगह पर पड़ने वाली सूर्य की किरणें दिन के अंतराल को प्रभावित करती हैं जिस कारण दिन छोटा और बड़ा होता है।