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Published: Sep 02, 2022 08:43 AM IST

IAC Vikrant आज PM मोदी देश को सौंपेंगे पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट करियर IAC Vikrant, जानें इसके ताकत, रेंज और खूबियां

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Pic: Social Media

नई दिल्ली/कोच्चि. सुबह की बड़ी खबर के अनुसार, आज यानी 2 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के केरल दौरेके आखिरी दिन ,कोच्चि से भारत में ही निर्मित स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत IAC विक्रांत (IAC Vikrant) को नौसेना (Indian Navy) में शामिल करेंगे। 

प्रधानमंत्री इस अवसर पर औपनिवेशिक अतीत को खत्म करते हुए नए नौसेना ध्वज (निशान) का भी अनावरण करेंगे।  PM मोदी ने दो सितंबर की तारीख को “रक्षा क्षेत्र में आत्मानिर्भर बनने की दिशा में भारत के प्रयासों के लिए एक ऐतिहासिक दिन” बताया है क्योंकि देश में डिजाइन और निर्मित किए गए पहले विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को सेवा में शामिल किया जाएगा।  

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, एर्नाकुलम के सांसद हिबी ईडन, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरी कुमार और नौसेना और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के शीर्ष अधिकारी सहित कई गणमान्य व्यक्ति इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। 

गौरतलब है कि, इसे मेक इन इंडिया (Make In India) के तहत बनाया गया है। इसके साथ ही यह अब तक का भारत का सबसे बड़ा विमानवाहक पोत है। वहीं भारत से पहले सिर्फ पांच और देशों ने 40 हजार टन से अधिक वजन वाला एयरक्राफ्ट कैरियर (Aircraft Carrier) बनाया है। IAC विक्रांत का वजन 45 हजार टन है।

दुनिया के ख़ास देशों में शामिल होगा भारत 

पता हो कि, IAC विक्रांत का सेवा में आना रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण कदम होगा। विक्रांत के सेवा में आने से भारत अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस जैसे उन चुनिंदा देशों के उस समूह में शामिल हो जाएगा जिनके पास स्वदेशी रूप से डिजाइन करने और एक विमान वाहक बनाने की क्षमता है।

IAC विक्रांत  की खासियतें 

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