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Published: Dec 04, 2023 02:07 PM IST

Parliament Winter Session 2023तृणमूल ने केंद्र पर बंगाल का कोष रोकने का लगाया आरोप, केंद्रीय मंत्री ने किया धन दुरुपयोग का दावा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान (Photo Credits-ANI Twitter)

नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस सांसद सुदीप बंदोपाध्याय (MP Sudeep Bandopadhya) ने सोमवार को केंद्र सरकार पर पश्चिम बंगाल का मनरेगा योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना का बकाया धन रोकने का आरोप लगाते हुए इसे तुरंत जारी करने की मांग की, जिस पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Union Minister Dharmendra Pradhan) ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार में ‘गरीबों का पैसा लूटा’ जा रहा है। 

बंदोपाध्याय ने लोकसभा में शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए कहा कि केंद्र द्वारा पश्चिम बंगाल के लिए मनरेगा योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना के लिए आवंटित धन रोक लिया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने पिछले दो साल से पश्चिम बंगाल के बकाया 18,000 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है। 

तृणमूल कांग्रेस सांसद ने यह दावा भी किया कि जब राज्य के कुछ सांसद और मंत्री इस बाबत केंद्रीय मंत्री से मिलकर मांग करने के लिए दिल्ली पहुंचे तो उन्हें दो घंटे तक इंतजार कराया गया और फिर उनसे मुलाकात नहीं की गई। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल को बिना देरी के यह धन दिया जाना चाहिए। हम प्रधानमंत्री तक अपनी बात पहुंचाना चाहते हैं।

इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सांसद का यह दावा तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार भारत सरकार की ओर से दिया जाने वाला राज्य के गरीबों का पैसा लेकर उसका दुरुपयोग करती है। प्रधान ने पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री पोषण योजना में 4,000 करोड़ के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने इसकी जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपी है और सच सामने आ जाएगा। 

मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ये (Trinamool Congress) गरीबों का पैसा लूटते हैं और इन पर जांच होनी चाहिए। इनके आधे दर्जन मंत्री जेल में हैं। इनके शिक्षा मंत्री जेल में हैं। ये अपने नेताओं के जेल में जाने के डर से सदन का समय खराब करते हैं। इस पर तृणमूल कांग्रेस के कुछ सदस्यों को मंत्री की बात का विरोध करते हुए सुना गया। (एजेंसी)