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Published: Jul 02, 2023 01:09 PM IST

UCC In Indiaयूनिफॉर्म सिविल कोड : विरोध और पूर्वानुमानों के बीच UCC से इन मामलों पर होगा सीधा असर, जानें कितने बदलेंगे कानून

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
Pic: Social Media/ The Hans India

नई दिल्ली, देखा जाए तो यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समाज नागरिक संहिता (UCC) लागू होती है तो सभी धर्मों पर इसका कुछ न कुछ असर जरुर होगा।  गौरतलब है कि PM नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बीते मंगलवार को समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code-UCC) की वकालत की थी और कथित तौर पर इसके खिलाफ अल्पसंख्यक समुदायों को भड़काने के लिए विपक्षी दलों पर जोरदार हमला बोला था। 

देखा जाए तो UCC में सभी धर्मों के लोगों के लिए निजी कानूनों की एक समान संहिता रखने का विचार है। वहीं इस कोड और निजी कानून में विरासत, विवाह, तलाक, बच्चे की अभिरक्षा और गुजारा भत्ता जैसे कई पहलू भी शामिल हैं।

क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड

दरअसल यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी की UCC का मतलब है, भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान ही कानून होना, फिर चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो। यानी भिन्न धर्म, जाति, लिंग के लिए एक जैसा ही कानून और उसका अमल।

क्यों है यूनिफॉर्म सिविल कोड की जरुरत 

UCC जरुरी इसीलिए है, क्योंकि  समान नागरिक संहिता लागू होने से सभी धर्मों का एक कानून होगा। यानि शादी, तलाक, गोद लेने और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए देश में एक ही कानून लागू होगा। किसी के साथ भी अलग बात नहीं होगी।

क्या हैं यूनिफॉर्म सिविल कोड के फायदे

भारत में UCC को लेकर क्या है दिक्कत  

एक बड़ी पेशानी है आम सहमति का अभाव, दरअसल समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर भारत में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक समुदायों के बीच आम सहमति का अभी भी अभाव है। इससे ऐसे कोड को लागू करना मुश्किल हो रहा है, क्योंकि इसमें सभी समुदायों की भागीदारी और समर्थन की आवश्यकता होगी। हाल-फिलहाल कुछ राजनीतिक दल इसके समर्थन में आते दिख रहे हैं।

भारत में UCC का विरोध 

हालांकि अधिकांश प्रमुख भारतीय विपक्षी दल समान नागरिक संहिता के खिलाफ हैं, कुछ इसको मानने के लिए भी तैयार हैं। लेकिन अधिकांध का तर्क है कि UCC अल्पसंख्यक समुदायों के धर्म की स्वतंत्रता का उल्लंघन करेगा और तर्क देते हैं कि UCC  आवश्यक नहीं है, क्योंकि व्यक्तिगत कानूनों की वर्तमान प्रणाली अच्छी तरह से काम कर रही है।

आम लोगों के जीवन पर पड़ेंगे ‘ये’ ख़ास प्रभाव

वहीं लोगों के सुझावों और लॉ कमीशन की सिफारिश के आधार पर देखा जाए और कुछ अन्य मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार UCC से आम लोगों पर कुछ इस तरह के प्रभाव पड़ने वाले हैं।

पाक-बांग्लादेश में भी मौजूद UCC 

यह भी बताते चलें कि, भारत पहला देश नहीं है जहां समान नागरिक संहिता या UCC को लागू करने की तैयारी हो रही है। दुनिया में ऐसे और भी कई देश हैं जहां UCC पहले से लागू है। इनमें प्रमुख रूप से अमेरिका, इंडोनेशिया, मिस्र, आयरलैंड, मलेशिया और भारत के पडोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश भी शामिल हैं। इन देशों में अलग-अलग धर्म या समुदाय के लिए अलग-अलग कानून नहीं हैं।