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Published: Jul 26, 2021 11:08 PM IST

BIG BREAKINGविजय माल्या को लंदन हाई कोर्ट ने किया दिवालिया घोषित, बैंकों ने जीता केस

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

लंदन/नई दिल्ली. भगोड़े कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) को लंदन हाई कोर्ट (London High Court) से बड़ा झटका लगा है। सोमवार को कोर्ट ने माल्या को दिवालिया (bankrupt) किया घोषित कर दिया है। भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) के नेतृत्व में भारतीय बैंकों के एक संघ ने ब्रिटिश कोर्ट में माल्या के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। जिसमें में माल्या की बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस (Kingfisher Airlines) को दिए गए लोन की वसूली के लिए माल्या को दिवालिया घोषित करने की मांग की गई थी।

लंदन हाई कोर्ट के इस फैसले से माल्या की संपत्ति जब्त करने के दरवाजे खुल गए हैं। हालांकि माल्या हाई कोर्ट के इस फैसले को चुनौती देने के लिए याचिका दाखिल कर रहे हैं।

विधि कंपनी टीएलटी एलएलपी और अधिवक्ता मार्सिया शेकरडेमियन ने भारतीय बैंकों का प्रतिनिधित्व किया और दिवालियापन के आदेश को लेकर अपने तर्क रखे। कारोबारी 65 साल के माल्या ब्रिटेन में फिलहाल जमानत पर हैं। ऐसा समझा जाता है कि प्रत्यर्पण प्रक्रिया से जुड़े एक अलग मामले में देश में शरण देने के मुद्दे पर गोपनीय कानूनी कार्रवाई का समाधान होने तक वह जमानतम पर रह सकते हैं। उनके वकील फिलिप मार्शल ने मामले में स्थगन के साथ-साथ आदेश को स्थगित करने का आग्रह किया।

हालांकि, न्यायाधीश ने आग्रह ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि इस बात के ‘अपर्याप्त सबूत’ है कि याचिकाकर्ताओं को ऋण उचित समय के भीतर पूरी तरह से वापस कर दिया जाएगा। उन्होंने दिवालियापन के आदेश के खिलाफ अपील करने की अनुमति मांगने वाला एक आवेदन भी रखा, जिसे न्यायाधीश ब्रिग्स ने अस्वीकार कर दिया।

कर्ज वसूली से जुड़े मामले में तेरह बैंकों के समूह याचिकाकर्ता हैं। याचिकाकर्ता एक अरब ब्रिटिश पौंड के कर्ज के संदर्भ में दिवालिया आदेश के क्रियान्वयन को लेकर कानूनी कर रहे हैं। माल्या के वकीलों की टीम ने तर्क दिया कि कर्ज विवादित बना हुआ है और भारत में चल रही कार्यवाही ब्रिटेन में दिवालियापन के आदेश को निषेध करता है।

विजय माल्या को लोन देने वाले बैंकों ने जुलाई में उनके शेयर बेचकर 792.12 रुपए रिकवर किए थे। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई वाले बैंकों के कंसोर्शियम की तरफ से डेट रिकवरी ट्राइब्यूनल ने माल्या के शेयर बेचे थे। इन शेयरों को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जब कर लिया गया था। वहीं बैंकों का पैसा रिकवर करने के लिए ईडी ने हाल ही में डीआरटी को इन शेयरों को बेचने की इजाजत दी थी।

गौरतलब है कि विजय माल्या 2016 में भारत छोड़कर इंग्लैंड भाग गया था। उस पर देश के 17 बैंकों का 9 हजार करोड़ रुपये बकाया है।माल्या ने अपनी किंगफिशर एयरलाइंस की सेवाएं जारी रखने के लिए ये लोन लिया था। बैंकों से लोन लेने के बाद किंगफिशर घाटे में चली गई। माल्या बैंकों से लिया लोन का इस्तेमाल लग्जरी एयरक्राफ्ट और दूसरी प्रॉपर्टी खरीदने के लिए भी किया था।