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Published: Nov 15, 2021 11:12 AM ISTWasim Rizvi Will वसीम रिजवी की वसीयत: हिंदू रीति से हो मेरा अंतिम संस्कार
नई दिल्ली: शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्य और पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) ने बड़ी वसीयत (Will) की है। अपनी इस वसीयत से वह एक बार फिर से चर्चा में आ गए हैं। वसीम ने अपनी वसीयत में कहा है कि, मरने की बाद कब्रिस्तान (Graveyard) में दफन (Burial) होने के बजाए उन्हें श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाए। वसीम ने अपनी वसीयत में डासना मंदिर (Temple) के महंत नरसिम्हा नंद सरस्वती को मुखाग्नि देने का अधिकार दिया है।
अपनी इस वसीयत को लेकर वसीम रिजवी ने इसको लेकर एक वीडियो भी जारी किया है। वसीम रिजवी ने अपने वीडियो में कहा है कि, हिंदुस्तान और हिंदुस्तान से बाहर मेरी हत्या करने और गर्दन काटने की साजिश रची जा रही है। मुझ पर इनाम रखे जा रहे हैं। मेरा गुनाह इतना है कि मैंने 26 आयतों को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया है। अब मुसलमान मुझे मार देना चाहते हैं। उन्होंने कहा है कि, मुझे किसी कब्रिस्तान में कोई जगह नहीं देंगे। मैंने एक वसीयत की है, मेरे मरने के बाद मेरे शरीर को जो मेरे हिंदू दोस्त हैं उनको लखनऊ में दे दिया जाए और चिता बनाकर मेरा अंतिम संस्कार कर दिया जाए। चिता में अग्नि हमारे यति नरसिम्हा नंद सरस्वती जी दें, मैंने उनको अधिकृत किया है।
बता दें कि, वसीम रिजवी ने कुरान से 26 आयतें हटाने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट से ये याचिका खारिज कर दिया है। इसके बाद से ही रिजवी मुस्लिम संगठनों और मुस्लिम समुदायों के निशाने पर आ गए हैं। इससे पहले भी वसीम अपने बयानों की वजह से मुस्लिम संगठन के निशाने पर रहे हैं और वे उनकी गिरफ्तारी की भी मांग करते रहे हैं।