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Published: Nov 17, 2021 11:10 AM IST

National Epilepsy Dayकब और क्यों मनाया जाता है 'राष्ट्रीय मिर्गी दिवस', जनहित में ज़रूर जानें

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

सीमा कुमारी

नयी दिल्ली. भारत में हर साल 17 नवंबर को ‘राष्ट्रीय मिर्गी दिवस’ (National Epilepsy Day) मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य ‘मिर्गी’ नामक बीमारी के बारे में लोगों में जागरुकता पैदा करना है।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मिर्गी (Epilepsy) मस्तिष्क (Brain) से जुड़ा एक क्रोनिक रोग है, जिसे बराबर होने वाले दौरे या दौरा पड़ने से पहचाना जाता है। व्यक्ति को न्यूरॉन्स (मस्तिष्क की कोशिकाओं) में अचानक, असामान्य एवं अत्यधिक विद्युत का संचार होने के कारण दौरा पड़ता है तथा परिणामस्वरुप व्यक्ति मूर्छित हो जाता है। यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है तथा इस रोग से पीड़ित हर उम्र के व्यक्ति की परेशानियां  अलग-अलग हो सकती हैं।

 विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार विश्वभर में करीब पचास लाख लोग मिरगी के रोग से पीड़ित हैं, जिसमें से 80 प्रतिशत लोग विकासशील देशों में रहते हैं। मिरगी का इलाज किया जा सकता है।अभी तक विकासशील देशों में प्रभावित लोगों में से तीन-चौथाई लोगों को आवश्यक उपचार प्राप्त नहीं हुआ है। भारत में लगभग दस लाख लोग मिरगी के दौरे से पीड़ित है।

आइए जानें मिर्गी’होने के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में –

 मिरगी होने के कई कारण हो सकते हैं-

मिरगी से बचाव के उपचार

मिरगी को अधिकांशत: दवाओं से उपचारित किया जाता है। मिरगी के बारे में यह तथ्य महत्वपूर्ण है, कि मिरगी के उपचार में देर नहीं करनी चाहिए। व्यक्ति के मिरगी से पीड़ित होने के बारे में जैसे ही जानकारी प्राप्त हों, वैसे ही तुरंत मिरगी का उपचार शुरू कर देना चाहिए। जल्द उपचार आगे बिगड़ती स्थिति को रोकता है।