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Published: Jan 11, 2024 12:43 PM IST

Vinay Katiyarआखिर कहां हैं विनय कटियार, अब तक क्यों नहीं मिला है प्राण प्रतिष्ठा समारोह में निमंत्रण..?

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम
विनय कटियार

अयोध्या : राम मंदिर आंदोलन (Ram Mandir Movement) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बजरंग दल के संस्थापक के तौर पर उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बड़े चेहरे के रूप में विख्यात विश्व हिंदू परिषद के सक्रिय सदस्य रहे विनय कटियार (Vinay Katiyar) आजकल पर्दे के पीछे हैं। मीडिया सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार हिंदुत्व के इस बड़े चेहरे को अभी तक आधिकारिक तौर पर राम मंदिर (Ram Mandir) के प्राण प्रतिष्ठा समारोह कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया है, जबकि विनय कटिहार आधिकारिक तौर पर अभी भी अयोध्या (Ayodhya) में कनक भवन के पीछे अपने आवास में अक्सर देखे जाते हैं।

अयोध्या में भगवान राम के नवनिर्मित मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आयोजन की तैयारियां जोर सबसे चल रही हैं। इसके लिए 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसके लिए भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा। इस दौरान राम मंदिर आंदोलन से जुड़े कई चेहरों को आमंत्रित किया गया है, लेकिन बड़े दुख की बात यह है कि आंदोलन के बड़े चेहरों में शुमार विनय कटिहार से इस कार्यक्रम के लिए अब तक कोई संपर्क नहीं किया गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के साथ विनय कटियार

अयोध्या में राम मंदिर बनाने की जिम्मेदारी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का है। इसका मुख्यालय यहीं पर बनाया गया है और उद्घाटन कार्यक्रम की सारी तैयारियां इसी के जरिए अयोध्या से की जा रही है, लेकिन अयोध्या में ही रहने वाले अयोध्या के पूर्व सांसद विनय कटिहार को अभी तक इग्नोर किया गया है। राम जन्मभूमि के इस बड़े चेहरे से किसी का अब तक संपर्क ना करना एक चर्चा का विषय बन रहा है, हालांकि आंदोलन में उनके सहयोगी रहीं उमा भारती को आमंत्रित कर दिया गया है और वह 18 जनवरी को अयोध्या पहुंच रही हैं।

भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद पर बजरंग दल के दिग्गज नेता विनय कटिहार के करीब भी सूत्रों की मानें तो हिंदुत्व की इस बड़े चेहरे को कार्यक्रम में अभी तक आधिकारिक तौर पर नहीं बुलाया गया है। इसलिए वह अतिथि के रूप में नहीं बल्कि एक सामान्य कार्यकर्ता के रूप में वहां जाना चाहेंगे तो जा सकते हैं।

विनोद बंसल का दावा

जब इस बारे में मीडिया ने विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि अतिथियों के आमंत्रित किए जाने की प्रक्रिया जारी है और यह आगे भी चलती रहेगी। कार्यक्रम में लगातार लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है। यह प्रक्रिया अंतिम समय तक चलेगी। ऐसे में हो सकता है कि कुछ लोगों को आखिरी समय में बुलाया जाए।

इसके अलावा विनोद बंसल ने यह भी कहा कि भगवान राम अयोध्या के कण-कण में विराजमान हैं। राम के मंदिर का लोकार्पण कार्यक्रम है। इसके लिए किसी को आमंत्रित किए जाने की प्रतीक्षा नहीं करना चाहिए। 22 जनवरी को देश के हर व्यक्ति को अपने नजदीक के राम मंदिर में पहुंचकर उसे ही अयोध्या मानकर 11:00 बजे से 2:00 बजे के बीच पूजा करने का अनुरोध प्रधानमंत्री के द्वारा किया गया है। यह आमंत्रण देश के हर वर्ग, हर धर्म, हर संप्रदाय और हर जीव से किया जा रहा है।

विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने इतना तक कह दिया कि सनातन धर्म में इस तरह की पूजा के लिए बिना किसी आमंत्रण के भी पूजा में शामिल होने को सौभाग्य माना जाता है। इसीलिए किसी को आमंत्रण की प्रतीक्षा किए बिना अपने नजदीकी मंदिर में वर्चुअल तरीके से उद्घाटन समारोह में शामिल होना चाहिए।

आपको बता दें कि इसके पूर्व भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के उद्घाटन समारोह में न बुलाए जाने की खबरों पर हंगामा मचा था। उसके बाद लालकृष्ण आडवाणी के कार्यक्रम में पहुंचने की खबर आ रही है। वहीं उमा भारती भी 18 जनवरी को ही अयोध्या पहुंचने का ऐलान कर चुकी हैं। ऐसे में अन्य नेताओं पर भी लोगों की नजर बनी हुई है।

राम मंदिर के प्लान पर चर्चा करते विनय कटियार

कौन हैं विनय कटियार 

वैसे तो विनय कटिहार का जन्म 1954 में कानपुर शहर में हुआ था और भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेताओं के साथ-साथ बजरंग दल के संस्थापक में गिने जाते हैं। वह अयोध्या से तीन बार लोकसभा के सांसद निर्वाचित हुए थे। इसके अलावा वह दो बार राज्यसभा में भी उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। विनय कटियार 1991, 1996 और 1999 में दसवीं, 11वीं और 13वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी ने विनय कटियार को दो बार राज्यसभा में भी भेजा। वे 2006 से 2012 तक 2012 से 2018 तक उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद रहे। इसके साथ ही विनय कटियार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वे 2002 से 2004 तक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। बाद में उनको राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह मिली।

आपको बता दे की अयोध्या के राम मंदिर आंदोलन में मस्जिद गिराने की साजिश में विनय कटिहार भी आरोपी थे। हालांकि बाद में उन्हें कोर्ट ने बरी कर दिया था।

विनय कटिहार जब-जब भी मीडिया से मुखातिब होते हैं तो वे राम मंदिर आंदोलन में अपनी भूमिका को खुले मन से स्वीकार किया करते हैं। विनय कटियार कहते हैं कि,  “हां हम लोगों ने ही आंदोलन शुरू किया और अन्य लोगों को भी इसमें जोड़ा। वे खुद एक आंदोलनकारी नेता हैं और उन लोगों में से एक हैं, जिन्होंने आंदोलन की नींव रखी। बाद में धीरे-धीरे लोग इससे जुड़ते गए। अब मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है और यह आगे भी बढ़ता जाएगा। जल्द ही लोगों की भावनाओं के मद्देनजर भव्य राम मंदिर तैयार होगा।”

कोर्ट में पेशी के दौरान विनय कटियार

बजरंग दल के संस्थापक

इतना ही नहीं विनय कटियार में अपनी अगुवाई में बजरंग दल की स्थापना की थी। उन्होंने कहा था कि बजरंग दल का गठन हिंदू समाज के जागरण के लिए किया गया था और उसका उद्देश्य राम मंदिर आंदोलन से जुड़ना ही था। यह एक स्वाभाविक संगठन था, जो आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभा रहा था। उन्होंने कहा कि जब वे अयोध्या में अपने घर पर रहा करते थे, तभी उन्होंने बजरंग दल की स्थापना की थी और वहीं से संगठन का काम चला। बाद में यह विश्व हिंदू परिषद की एक युवा शाखा बन गई।