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Published: Sep 01, 2021 04:26 PM IST

Teacher's Day 20215 सितंबर को क्यों मनाया जाता है 'शिक्षक दिवस', जानें इतिहास

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

-सीमा कुमारी

हर साल 5 सितंबर को ‘शिक्षक दिवस’ (Teacher’s Day) मनाया जाता है। यह दिवस पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr. Sarvepalli Radhakrishna) के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाते हैं। यह दिन शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों के योगदान और उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। एक शिक्षक का किसी भी छात्र के जीवन में खास महत्व होता है। कहा जाता है कि किसी भी बच्चे के लिए सबसे पहले स्थान पर उसके माता-पिता और फिर दूसरे स्थान पर शिक्षक होते हैं। 

शिक्षक एक बच्चे के भविष्य में महत्वपूर्ण योगदान देता है। एक शिक्षक के बिना छात्र का जीवन अधूरा होता है। किसी भी सफल व्यक्ति की सफलता के पीछे उसके शिक्षक की मेहनत होती है। शिक्षक या गुरू का किसी भी इंसान के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है। शिक्षक अपने छात्र के जीवन को एक गीली मिट्टी से घड़े बनाने की तरह आकार देता है। 

संत कबीरदास ने अपने इस दोहे में कहा है

‘पंडित यदि पढि गुनि मुये, गुरु बिना मिलै न ज्ञान।

ज्ञान बिना नहिं मुक्ति है, सत्त शब्द परमान॥’

कबीरदास कहते हैं कि बड़े-बड़े विद्वान शास्त्रों को पढ़कर अपने आप को ज्ञानी समझते हैं, परंतु गुरु के बिना ज्ञान नहीं मिलता और ज्ञान के बिना मुक्ति नहीं मिलती है।

यह खास दिन राष्ट्र निर्माण में टीचर्स के योगदान के लिए उनके सम्मान में मनाया जाता है। हर कोई अपने-अपने तरीके अपनी जिंदगी में शिक्षकों के योगदान के लिए उन्हें आभार जताता है। हमारे देश में 1962 से 5 सितंबर के दिन ‘शिक्षक दिवस’ मनाया जा रहा है। इस दिन स्कूलों में शिक्षकों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं। स्टूडेंट्स भी इस दिन अपने शिक्षकों को गिफ्ट्स आदि देते हैं।

क्यों मनाया जाता है ‘ शिक्षक दिवस ? 

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के पहले उप-राष्ट्रपति, दूसरे राष्ट्रपति, महान दार्शनिक, बेहतरीन शिक्षक, स्कॉलर और राजनेता थे। राधाकृष्णन को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा गया था। राधाकृष्णन एक बेहतरीन शिक्षाविद थे और राष्ट्रनिर्माण के लिए युवाओं को तैयार करने के लिए समर्पित थे। 1962 में जब राधाकृष्णन ने राष्ट्रपति का पद ग्रहण किया था। उसी साल से उनके सम्मान में उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

स्टूडेंट और टीचर की जिंदगी में इस दिन का विशेष महत्व है। स्कूल और कॉलेजों में इस दिन को धूमधाम से मनाया जाता है। वैसे तो टीचर और स्टूडेंट के रिश्ते में एक अनुशासन होता है लेकिन, इस दिन स्टूडेंट्स अपने टीचर को खुलकर बताते हैं कि वे कितने स्पेशल हैं। गौर्यालब है कि भारत में ‘टीचर्स डे’ राधाकृष्णन के जन्मदिन के मौके पर मनाया जाता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 5 अक्टूबर को ‘इंटरनेशनल टीचर्स डे’ (International Teacher’s Day) मनाया जाता है।

अलग-अलग  देशों में अलग अलग तारीखों पर ‘टीचर्स डे’ मनाया जाता है। चीन में हर साल 10 सितंबर, कनाडा में पांच अक्टूबर, यूनान में 30 जनवरी, मेक्सिको में 15 मई, पराग्वे में 30 अप्रैल, श्रीलंका में 6 अक्टूबर और थाईलैंड में 16 जनवरी को ‘टीचर्स डे’ मनाया जाता है। वहीं अमेरिका में मई के पूर्ण सप्ताह के मंगलवार को ‘टीचर्स डे’ मनाया जाता है। वैसे 5 अक्टूबर को ‘इंटरनेशनल टीचर्स डे’ (International Teacher’s Day) पूरी दुनिया में मनाया जाता है।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान शिक्षाविद थे। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का मानना था कि शिक्षा का मतलब सिर्फ जानकारी देना ही नहीं होता। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का मानना था कि जब तक शिक्षक शिक्षा के प्रति समर्पित और प्रतिबद्ध नहीं होगा, तब तक शिक्षा को मिशन का रूप नहीं मिल पाएगा।