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Published: Jul 17, 2021 08:18 PM ISTSupreme Courtमहिला ने बलात्कार के रद्द मामले को फिर से शुरू करने का किया अनुरोध
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय(Supreme Court) ने एक महिला((Women) की याचिका(Petition) पर गौर करते हुए कर्नाटक सरकार(Government of Karnataka) और एमबीबीएस के एक छात्र(Student) से जवाब मांगा है। महिला की याचिका के अनुसार आरोपी उसके साथ शादी के लिए तैयार हो गया था और उसके बाद बलात्कार के मामले को रद्द कर दिया गया था।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने राज्य सरकार और आरोपी को नोटिस जारी किया और उन्हें याचिका पर एक महीने के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा। कथित पीड़िता द्वारा दाखिल याचिका में दावा किया गया है कि, आरोपी ने उसे बहला-फुसलाकर यह विश्वास दिलाया कि वह उससे शादी करेगा, साथ ही दहेज की मांग सहित ऐसी अन्य परिस्थितियां बनाई ताकि वह (महिला) शादी से इनकार करने के लिए मजबूर हो जाए।
यह याचिका अधिवक्ता सिद्धार्थ झा द्वारा दायर की गई है और इसमें कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा पारित एक आदेश को चुनाती दी गई है। पिछले साल सितंबर में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शिकायतकर्ता और आरोपी के बीच समझौता होने के बाद 2017-2018 के बीच एमबीबीएस छात्रा के कथित बलात्कार से संबंधित मामले में दर्ज प्राथमिकी में कार्यवाही को रद्द कर दिया था।
उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका में दावा किया गया कि दोनों पक्षों के बीच समझौता आरोपी द्वारा महिला से जबरन सहमति लिए जाने पर आधारित था। याचिका में दावा किया गया है कि उच्च न्यायालय ने सर्वोच्च अदालत द्वारा पारित एक आदेश की अनदेखी की जिसमें कहा गया है कि समझौता के आधार पर बलात्कार का मामला रद्द नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह अपराध एक महिला के शरीर और गरिमा के खिलाफ है।
पीड़िता ने उच्चतम न्यायालय में दायर अपनी याचिका में दावा किया कि बेंगलुरु के एक मेडिकल कॉलेज में वरिष्ठ होने का आरोपी ने उस पर हावी होने के लिए फायदा उठाया।याचिका के मुताबिक आरोपी ने शादी का झांसा देकर पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध बनाए। बाद में आरोपी ने शादी करने से इनकार कर दिया और कथित पीड़िता ने उसके खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया। (एजेंसी )