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Published: Sep 19, 2023 06:24 PM IST

Women's Reservationगांधी परिवार को दलित महिलाओं को सशक्त बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं, स्मृति ईरानी का तीखा प्रहार

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
INC-PTI Photo

नई दिल्ली. मोदी सरकार ने संसद के निचले सदन, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने से संबंधित ऐतिहासिक ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ को मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया। इसे लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने गांधी परिवार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार केवल अपने परिवार की महिलाओं को सशक्त बनाने में रुचि रखता है। उसे गरीब या दलित महिलाओं को सशक्त बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं है।

कांग्रेस महिला आरक्षण की विरोधी

स्मृति ईरानी ने कहा, “गांधी परिवार केवल अपने परिवार की महिलाओं को सशक्त बनाने में रुचि रखता है। उन्हें गरीब या दलित महिलाओं को सशक्त बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं है।” उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सोनिया गांधी आज अनुपस्थित रहीं। जब बिल पर चर्चा चल रही थी तो उनका बेटा भी चला गया। यह और भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब स्पीकर ने पूछा कि बिल का समर्थन किसने किया, तो बीजेपी और एनडीए ने इसका समर्थन किया लेकिन कांग्रेस पार्टी ने नहीं।”

कांग्रेस ने महिलाओं को नहीं दिया आरक्षण

केंद्रीय मंत्री ने महिला आरक्षण पर कहा, “मैं महिलाओं के लंबे संघर्ष को मुकाम तक पहुंचाने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देना चाहती हूं। लोकसभा में पेश महिला आरक्षण विधेयक हमारे देश में महिलाओं के नेतृत्व को परिभाषित करेगा। पीएम मोदी ने महिला नेतृत्व वाले विकास की घोषणा की और पूरी दुनिया ने जी20 में इसे स्वीकार किया।” उन्होंने कहा, “यह विपक्ष के लिए एक राजनीतिक हथकंडा है क्योंकि विपक्ष और कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए भी महिलाओं को आरक्षण नहीं दिया।”

महिला आरक्षण बिल चुनावी जुमला: कांग्रेस

कांग्रेस ने ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ को ‘चुनावी जुमला’ करार दिया है। पार्टी ने कहा कि महिलाओं के साथ धोखा हुआ है, क्योंकि विधेयक में कहा गया है कि ताजा जनगणना और परिसीमन के बाद यह 2029 से लागू होगा। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, “यदि प्रधानमंत्री की महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता देने की कोई वास्तविक मंशा होती, तो महिला आरक्षण विधेयक बिना किसी किंतु-परंतु और अन्य सभी शर्तों के तुरंत लागू कर दिया गया होता। उनके और भाजपा के लिए, यह केवल एक चुनावी जुमला है जो कुछ भी ठोस नहीं देता है।”