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Published: Aug 11, 2020 11:48 AM IST

जन्माष्टमी 2020कृष्ण जन्माष्टमी पर कोरोना का असर, रद्द किया गया दही हांडी उत्सव

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

कृष्ण जन्माष्टमी पर कोरोना वायरस का असर साफ देखने को मिल रहा है. यही वजह है कि देशभर में इस पर्व को लेकर कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है. इसके तहत कहीं मंदिरों में भक्तों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है, तो कहीं पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ भक्तों के प्रवेश की अनुमति दी गई है.

मथुरा – श्री कृष्‍ण जन्‍मभूमि में इस बार पहले की तरह ही सभी तैयारियां की जा रही हैं, लेकिन मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है. श्री कृष्‍ण जन्‍मस्‍थान सेवा संस्‍थान के सदस्‍य गोपेश्‍वरनाथ चतुर्वेदी के मुताबिक कोरोना के चलते मंदिर को आम लोगों के लिए बंद किया गया है. बाकी सभी विधियां पहले की तरह ही होंगी. ये प्रतिबंधन 10 अगस्त से 13 अगस्त तक के लिए लगाया गया है.

इसी तरह वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में भी कान्हा के जन्म के समय होने वाली आरती के वक्त भी श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. यहां भी कोरोना वायरस के चलते ये कदम उठाया गया है. जिन भी मंदिरों में श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा वहां संख्या सीमित रहेगी. श्रद्धालुओं को मास्क लगाना अनिवार्य होगा. श्रद्धालु श्रीकृष्ण की झांकियों के दर्शन दूर से ही करेंगे. मंदिरों में सैनिटाइज की व्यवस्था होनी चाहिए. इसके अलावा ये सुनिश्चत होना चाहिए कि किसी भी तरह का स्पर्श आदि ना हो.

वहीं महाराष्ट्र में मुख्य रूप से मनाए जाने वाला उत्सव दही हांडी को कोरोना से चलते रद्द कर दिया गया है. मुंबई दही हांडी समन्वय समिति के बाला पडेलकर ने बताया कि कोरोना के खतरे को देखते हुए इस साल दही हांडी उत्सव नहीं मनाने का फैसला लिया गया है. बाला पडेलकर ने बताया कि इसमें भारी संख्या में लोग एक जगह जमा होते हैं और एक दूसरे के क्लोज़ कांटेक्ट में रहते हैं. इससे कोरोना का खतरा और बढ़ सकता है. इसलिए कमेटी ने इस साल दही हांडी उत्सव नहीं करवाने का फैसला लिया है. उन्होंने यह भी साफ किया कि इस फ़ैसले पर पुनर्विचार नही किया जाएगा. हालांकि कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा सादे तरीके से की जाएगी. 

दही हांडी समन्वय समिति के अरुण पाटिल ने इस बात की जानकारी दी है की युवकों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण हैं. मुंबई में यह त्यौहार बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है. जिसमे दही हांडी को काफी उचांई पर लगा दी जाती है, ढोल-नगाड़ों के बीच ‘गोविंदाओं’ की टोली इसे फोड़ने के लिए उतरती है. इस पूरे उत्‍सव को देखने के लिए बड़ी संख्‍या में लोगों की भीड़ उमड़ती है. जिस वजह से कोरोना का खतरा और बढ़ जाएगा. इसलिए इस साल दही हांडी का उत्सव रद्द कर दिया गया है.

– मृणाल पाठक