खाना खजाना

Published: Mar 30, 2024 10:11 AM IST

World Idli Day 2024आज है इडली डे 2024 ! कैसे दक्षिण की रसोई से दुनिया में छाई ये डिश, जानिए इसकी दिलचस्प कहानी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
आज है इडली डे (सोशल मीडिया)

नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: साउन इंडियन डिशेज में इडली (Idli) का नाम सुनते ही हर किसी के मुंह में पानी आ ही जाता है नाश्ते के रूप में इडली को बढ़िया चटनी और सांभर के साथ खाते है। इसे लेकर ही इडली प्रेमियों के लिए आज 30 मार्च का दिन विश्व इडली डे (World Idli Day 2024) को लेकर समर्पित है। इसे भारत ही नहीं दुनियाभर में मनाया जाता है इसका कारण अब इडली की पहचान विश्व स्तर पर होती है।

किसने दिलाई इडली को पहचान

इडली की कई वैरायटियां खाने के लिए मिलती है तो वहीं पर दक्षिण भारत से ही इडली को बड़ी पहचान मिली जहां पर हर घर में इडली बनाई जाती है। अगर आप चेन्नई जाए और इडली ना खाए तो शायद घूमना पूरा हो पाता है। यहां पर फेमस ‘मल्लिपू इडली’ का नाम आपने सुना होगा यह इडली मैन यानि एनियावन (Aniavan)का रेस्त्रा है जो इसी रेस्‍त्रां चेन के मालिक और कैटरर है। इडली को पहली पहचान दिलाने और लोगों की पसंद बनाने के लिए एनियावन ने अपनी ऑटो चालक की नौकरी छोड़ दी। इन व्यक्तित्व ने 2000 से अधिक प्रकार की इडली बनाकर इस डिश को फेमस कर दिया था। साल 2015 में चेन्नई के इसी रेस्‍त्रां चेन के मालिक और कैटरर एनियावन ने इसकी शुरुआत की,इस दिन को खास बनाने के लिए एनियावन ने करीब 1,328 वेरायटी की इडली बनाई और 44 किलो का इडली केट तैयार कर एक ब्‍यूरोकेट से कटवाया। जिसके साथ ही इस दिन की शुरुआत हुई है।

दुनियाभर की पसंद इडली (सोशल मीडिया)

इडली मैन को मिल चुका है विश्व खिताब

इडली मैन के नाम से पहचाने जाने वाले एनियावन ने अपनी इस पहल की शुरुआत ऑटो चलाने के दौरान की थी जहां उनके ऑटो से एक महिला इडली लेकर बेचने जाती थी, वह उसके ऑटो की नियमित यात्री बन गई और एनियावन उससे प्रेरित हो गया। उन्होंने भी अपने इस जुनून को बरकरार रखते हुए इडली बेचना शुरु किया। जहां पर इडली मैन ने अपने मल्लिपू इडली रेस्त्रां में अब तक 2000 तरह की इडली बनाई है जिसमें पिज़्ज़ा इडली (बच्चों की पसंदीदा), चॉकलेट, मक्का और संतरे के साथ इडली ऑर्डर करते हैं। मेनू में मिकी माउस के आकार की और कुंग फू पांडा इडली भी है। वह मौसमी फलों और सब्जियों से बनी इडली भी परोसते हैं। पिज्जा इडली बनाने के साथ ही उन्होंने 124.8 किलोग्राम की विशाल इडली तैयार करके गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपनी किस्मत आजमाई।

विदेश में कैसे बनी पहचान

इडली का नाता विदेश से भी जुड़ा है जहां पर इडली का कनेक्‍शन इंडोनेशिया से भी जुड़ा हुआ है? जी हां, फूड इतिहासकारों का कहना है कि इडली का असली वास्‍ता इंडोनेशिया से है जहां फरमेंटेड फूड का पुराना इतिहास है. जबकि भारत में इडली का आगमन 800 से 1200 ईसा पूर्व माना जाता है। चेन्नई के अलावा दक्षिण राज्यों में कर्नाटक से भी इसका नाता पुराना है इडली शब्‍द को लेकर यह भी माना जाता है कि इसका उद्धव ‘इडलीग’ से हुआ जिसकी चर्चा कन्‍नड़ साहित्‍य में मिलता है. शिव कोट आचार्य रचित एक कन्‍नड़ लेख से यह पता चलता है कि साल 1139 के आसपास कन्‍नड़ के राजा और विद्वान सोमेश्‍वर तृतीय थे जिनके राज में इसे बनाने की बात सामने आती है।