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Published: Aug 03, 2020 03:58 PM IST

रक्षा बंधनसोमवारीय पूर्णिमा पर आज बहनें बांधेंगी रक्षा का सूत्र, जानें राखी बांधने का महूर्त

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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रक्षा बंधन का त्यौहार हिंदुओं के लिए बहुत महत्व रखता है. यह हिंदुओं सहित कई अन्य समाज के लोगों द्वारा भी मनाया जाता है. यह त्यौहार भाई-बहन के प्रेम को दर्शाता है. रक्षा बंधन का त्यौहार  व्यापारियों के लिए भी बहुत महत्व रखता है. इस दिन बाजारों में बेहद रौनक देखने को मिलती है.

कब मनाया जाता है रक्षा बंधन- राखी का त्यौहार हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांध उनकी दीर्घायु और सफलता की कामना करती है. भाई भी, बहन की सदैव रक्षा करने का वचन देता है.

रक्षा बंधन का महूर्त- राखी आप अपने हिसाब से कभी भी बांध सकते हैं. लेकिन राहुकाल, यमगंडम काल, भद्रा के समय राखी ना बाधें. राखी का शुभ समय दोपहर 2 बजे से पहले है.

क्यों मनाते हैं रक्षा बंधन का पर्व?
एक पौराणिक कथा के अनुसार शिशुपाल के वध के समय भगवान श्री कृष्ण की उंगली कट गई थी, तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी का हिस्सा फाड़कर कृष्ण जी की उंगली पर बांधा था. उस समय सावन पूर्णिमा की तिथि थी और भगवान श्री कृष्ण जी ने द्रौपदी जी को जीवन भर रक्षा का वचन दिए था. 

इस कथा के अलावा एक और कहानी काफी मशहूर है. राजपूत रानी कर्मावती को अपने राज्य की रक्षा की चिंता होने लगी थी. इसके बाद उन्होंने मुगल शासक हुमायूँ को राखी भेज उनकी सहायता के लिए आग्रह किया था.

-मृणाल पाठक