धर्म-अध्यात्म
Published: May 29, 2022 06:19 PM ISTVat Savitri Vrat 2022'वट सावित्री व्रत' में ज़रूर सावधानी बरतें, ये गलतियां बिल्कुल न करें
-सीमा कुमारी
‘वट सावित्री व्रत’ (Vat Savitri Vrat) का पावन पर्व हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। हालांकि, कई जगहों पर इसे ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि जो व्रती सच्ची निष्ठा और भक्ति से इस व्रत को करती हैं, उनकी न केवल सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, बल्कि पुण्य प्रताप से पति पर आई सभी बला टल जाती है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने सुहाग के दीर्घायु होने के लिए व्रत-उपासना करती हैं। आइए जानें वट सावित्री व्रत के दौरान सुहागिन स्त्रियों को क्या नहीं करनी चाहिए ?
‘वट सावित्री व्रत’ के दौरान घी और तेल का दीपक जलाया जाता है। जिन्हें सही दिशा में रखना बेहद जरूरी है। अगर आप घी का दीपक जला रही हैं तो इसे हमेशा दाएं ओर ही रखें और तेल का दीपक जला रही हैं तो बाएं ओर रखना चाहिए।
माना जाता है कि, ‘वट सावित्री’ व्रत के दिन सुहागिन महिलाओं को लाल, पीले, हरे जैसे कपड़े पहनना चाहिए। नीले, काले और सफेद रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए।
अगर किसी महिला को ‘वट सावित्री व्रत’ के दिन मासिक धर्म हैं तो वह खुद पूजा न करके दूसरी महिला से पूजा करा लें और पूजा स्थल से दूर बैठकर कथा सुनें।
ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, पूजा सामग्री को हमेशा बाईं ओर रखना चाहिए। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
कहते हैं कि, जो महिला पहली बार व्रत रख रही हैं उसे वट सावित्री व्रत के दिन पूजा संबंधी सभी सामान मायके के द्नारा दिए गए ही इस्तेमाल करना चाहिए।
सुहागिन महिलाओं को ‘वट सावित्री व्रत’ की पूजा के दौरान नीली, काले रंग की चूड़ियां या फिर बिंदी लगाने से बचना चाहिए।