धर्म-अध्यात्म

Published: Sep 18, 2022 08:47 PM IST

Navratri 2022कंफ्यूजन करें दूर, इस दिन से शुरू हो रही है नवरात्रि, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
File Photo

पिछले कुछ वर्षों से तमाम त्योहारों को लेकर कंफ्यूजन बढ़ने लगा है क्योंकि सही तिथियों और मुहूर्त के चलते इन्हें मनाने की तारीखें बदलती रही हैं। ऐसे में इस नवरात्रि की शुरुआत कब से हो रही है, इस पर गलतफहमी समय रहते दूर हो जानी चाहिए। सनातन धर्म के सबसे पावन पर्वों में से एक शारदीय नवरात्रि की शुरुआत कुछ ही दिनों में यानी 26 सितंबर, 2022 से हो रही है, जो 4 अक्टूबर, 2022 तक मनाई जाएगी। वहीं, 5 अक्टूबर को दशहरा पर्व मनाया जाएगा। देवी आदिशक्ति के विविध रूपों को समर्पित नवरात्रि के नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। 

वैसे तो नौ दिन बेहद शुभ माने जाते हैं, फिर भी घट स्थापना और प्रथम पूजन को शुभ मुहूर्त के भीतर किए जाने को फलदायक माना जाता है। ऐसे में पूजन के लिए शुभ मुहूर्त का समय बता रहे हैं जाने-माने एस्ट्रोलॉजर डॉ. गौरव गीते। देश के अपने सोशल मीडिया मंच, कू ऐप के माध्यम से वीएस एस्ट्रोलॉजी के हैंडल से डॉ. गौरव गीते ने बताया है कि सुबह 3:15 बजे से ही प्रतिपदा तिथि अर्थात नवरात्र का प्रथम दिवस शुरू हो जाएगा। साथ ही घट स्थापना या प्रथम पूजन का शुभ-मुहुर्त सुबह 6:11 बजे से 8 बजे के बीच मे होगा।

26 सितम्बर से शारदीय नवरात्रों का प्रारम्भ हो रहा है, सुबह 3.15 बजे से ही प्रतिपदा तिथि अर्थात नवरात्र का प्रथम दिवस शुरू हो जाएगा।

घट स्थापना या प्रथम पूजन का शुभ-मुहुर्त सुबह 6.11 बजे से 8 बजे के बीच मे होगा। इसी शुभ मुहूर्त में माँ का स्वागत, गाय के घी का दीपक जलाकर, दुर्गा चालीसा का पाठ कर एवं गाय के उपले पर गुग्गल की धूप दे कर करें। उपवास करें परंतु न बने तो कोई बात नहीं लेकिन नौ दिन प्याज़ लहसुन से दूर ही रहें। इस दिन मंदिर जा कर माँ को उनकी पसंदीदा लाल चुनरी भेट देना न भुलें 

Koo App

🚩 26 सितम्बर से शारदीय नवरात्रों का प्रारम्भ हो रहा है, सुबह 3.15 बजे से ही प्रतिपदा तिथि अर्थात नवरात्र का प्रथम दिवस शुरू हो जाएगा । घट स्थापना या प्रथम पूजन का शुभ-मुहुर्त सुबह 6.11 बजे से 8 बजे के बीच मे होगा । इसी शुभ मुहूर्त में माँ का स्वागत, गाय के घी का दीपक जलाकर, दुर्गा चालीसा का पाठ कर एवं गाय के उपले पर गुग्गल की धूप दे कर करें । उपवास करें परंतु न बने तो कोई बात नहीं लेकिन नौ दिन प्याज़ लहसुन से दूर ही रहें । इस दिन मंदिर जा कर माँ को उनकी पसंदीदा लाल चुनरी भेट देना न भुलें 🙏

VS Astrology (@vsastrology) 16 Sep 2022

क्या है पूजन विधि

डॉ. गौरव ने पूजन विधि बताते हुए कहा है कि घट स्थापना के बताए गए इस इस शुभ मुहूर्त में माँ का स्वागत, गाय के घी का दीपक जलाकर, दुर्गा चालीसा का पाठ कर तथा गाय के उपले पर गुग्गल की धूप दे कर करें। उपवास करें, परंतु न बने तो कोई बात नहीं, लेकिन नौ दिन प्याज़ लहसुन से दूर ही रहें। इस दिन मंदिर जा कर माँ को उनकी पसंदीदा लाल चुनरी भेट देना न भूलें। 

इस शारदीय नवरात्रि के पहले दिन शुक्ल व ब्रह्म योग का अद्भुत संयोग बन रहा है, यानि नवरात्रि के पहले दिन शुक्ल योग सुबह 08 बजकर 06 मिनट तक रहेगा। इसके बाद ब्रह्म योग शुरू होगा। जाने-माने एस्ट्रो अरुण पंडित जी ने कू ऐप पर इसकी जानकारी देते हुए कहा है:

नवरात्रि के पहले दिन बन रहा है शुक्ल व ब्रह्म योग का अद्भुत संयोग 

इस साल शारदीय नवरात्रि पर शुक्ल व ब्रह्म योग का अद्भुत संयोग बन रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 26 सितंबर यानी नवरात्रि के पहले दिन शुक्ल योग सुबह 08 बजकर 06 मिनट तक रहेगा। इसके बाद ब्रह्म योग शुरू होगा। ज्योतिष शास्त्र में शुक्ल व ब्रह्म में पूजा करना शुभ फलदायी माना गया है। 

#thoughtoftheday #ajkamantra #koooftheday #kookiyakya

Koo App

नवरा‍त्र के पहले दिन बन रहा है शुक्ल व ब्रह्म योग का अद्भुत संयोग इस साल शारदीय नवरात्रि पर शुक्ल व ब्रह्म योग का अद्भुत संयोग बन रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 26 सितंबर यानी नवरात्रि के पहले दिन शुक्ल योग सुबह 08 बजकर 06 मिनट तक रहेगा। इसके बाद ब्रह्म योग शुरू होगा। ज्योतिष शास्त्र में शुक्ल व ब्रह्म में पूजा करना शुभ फलदायी माना गया है। #thoughtoftheday #ajkamantra #koooftheday #kookiyakya

 

Astro Arun Pandit (@astroarunpandit) 16 Sep 2022

माना जा रहा है कि इस बार माँ दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं, यानी इस बार माँ दुर्गा का वाहन हाथी है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि रविवार और सोमवार से जब नवरात्रि प्रारंभ होती हैं, तो माता वाहन के रूप में हाथी पर विराजमान होकर आती हैं।