धर्म-अध्यात्म

Published: Apr 15, 2024 01:57 PM IST

Ram Navami 2024रामनवमी के शुभ दिन गलती से भी न करें ये काम, अन्यथा निष्फल हो जाएगी आपकी पूजा

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रामनवमी पर इन बातों से बचें(फाइल फोटो)

सीमा कुमारी

नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के जन्मोत्सव यानी ‘रामनवमी’ (Ram Navami 2024) इस बार 17 अप्रैल, बुधवार के दिन पूरे देशभर में मनाया जाएगा। आपको बता दें, रामनगरी अयोध्या के लिए इस बार ‘रामनवमी'(Ram Navami 2024) का महापर्व बेहद खास होने वाली है। दरअसल, 500 साल बाद रामलला के दरबार में रामनवमी मनाई जाएगी।

इस अवसर पर रामलला का सूर्याभिषेक कराया जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार, मर्यादा पुरषोत्तम श्रीराम की पूजा सच्चे मन से करने से इंसान को सुख-शांति की प्राप्ति होती है। प्रभु श्री राम अपने भक्तों की हर संकट से रक्षा करते हैं और सुख-शांति को प्रदान करते हैं। राम जी पूजा करते वक्त कुछ बातों का ख्याल रखना बहुत जरूरी है,अन्यथा पूजा का फल नहीं मिलता है। ऐसे में आइए जानें रामनवमी के दिन किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

इन बातों का रखें ख्याल

ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, रामनवमी पर कन्या पूजन किया जाता है। इसलिए इस दिन न तो किसी कन्या को सताएं और न हीं मारें। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको भगवान श्री राम के क्रोध का भागीदार बनना पड़ेगा।

इस दिन मांसाहारी भोजन न करें, शुद्ध शाकाहारी भोजन करें, हो सके तो प्याज -लहसुन भी ना खाएं। रामनवमी के दिन शराब या सिगरेट भी ना पीएं, ऐसा करने से घर में नकारात्मक चीजों का वास होता है।

इसके अलावा, किसी से भी झगड़ा न करें और ना ही किसी की बुराई करें।

रामनवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करना न भूलें, ऐसा इसलिए क्योंकि यह दिन नवरात्रि का अंतिम दिन होता है।

रामनवमी के दिन किसी भी गरीब व्यक्ति या ब्राह्मण का अपमान न करें। भविष्य में भी ऐसा न करने का संकल्प लें।

प्रभु श्रीराम की पूजा बड़े ही श्रद्धा और भक्ति के साथ करनी चाहिए। ईश्वर के प्रति सच्ची आस्था ही आपको उनके निकट लेकर जाती है, मन की आस्था ही उनके प्रति सच्चे लगाव को व्यक्त करती है। इस दिन घर में रामचरितमानस या सुंदरकांड का पाठ करें, ऐसा करने से गृह में सुख-शांति का वास होता है।

रामनवमी के अवसर पर पूजा का दीपक बुझना नहीं चाहिए, ऐसा होना अशुभ होने का संकेत है।

रामनवमी की पूजा ईशान कोण में करना चाहिए, वैसे घर में पूजा घर का स्थान भी ईशान कोण में ही होने चाहिए।

पूजा के दौरान किसी भी तरह का शोर करने से बचें, ऐसा करने से पूजा का सही फल नहीं मिलता।