धर्म-अध्यात्म

Published: Apr 27, 2024 12:37 PM IST

Varuthini Ekadashi 2024'वरुथिनी एकादशी' के दिन करें इन वस्तुओं का दान, मिलेगी लक्ष्मीनारायण की असीम कृपा, जानिए और क्या करें विशेष

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वरूथिनी एकादशी पर इन चीजों को करें दान(फाइल फोटो)

सीमा कुमारी

नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: 4 मई, 2024 दिन शनिवार को जगत के पालनहार ‘भगवान विष्णु’ (Lord Vishnu) को समर्पित ‘वरुथिनी एकादशी’ (Varuthini Ekadashi 2024) का व्रत रखा जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार, वैशाख मास जगत के पालनहार भगवान विष्णु और उनके अवतारों की पूजा के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए इस मास में पड़ने वाली एकादशी का महत्व भी बहुत खास होता है।

व्रत करने से मिलता है बहुत लाभ

मान्‍यता है कि धन की कमी को पूरा करने के लिए ‘वरुथिनी एकादशी’ का व्रत करने से बहुत लाभ होता है। ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन भगवान विष्णु के वराह की पूजा करता है उसे भय से मुक्ति मिल जाती है। इसके अलावा, ऐसा भी कहा जाता है कि वरुथिनी एकादशी के दिन दान करने का बड़ा महत्व होता है। आइए जानें ‘वरुथिनी एकादशी’ के दिन किन चीजों का दान करना शुभ हो सकता है।

इन चीजों का ध्यान देना होता है शुभ

1- ज्योतिषियों के मुताबिक, वैशाख माह में जल दान महादान माना गया है। इस महीने में गर्मी तीव्र असर दिखाती है। वैसे तो, वैशाख के पूरे महीने जल सेवा करनी चाहिए, लेकिन ऐसा करना संभव न हो, तो ‘वरुथिनी एकादशी’ पर राहगीरों को पानी पिलाएं। पशु-पक्षियों के लिए पानी पीने का इंतजाम करें। मान्यता है जल सेवा कन्यादान करने के समान फल देती है। जीवन में हर कष्ट दूर होता है।

2- कहते है , इस दिन अन्न का दान करना भी बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन अन्न का दान करने से घर में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती है। साथ ही, घर में मां अन्नपूर्णा विराजमान रहती है।

3- ‘वरुथिनी एकादशी’ के दिन वस्त्रों का दान करना भी शुभ माना जाता है। मंदिर में भगवान के चरणों में वस्त्र अर्पित करने के बाद उन वस्त्रों को जरूरतमंदों के बीच दान कर देना चाहिए। इससे घर की बरकत होती है।

4- वैशाख माह की ‘वरुथिनी एकादशी’ पर फलों का दान करने से दस हजार साल तपस्या करने के समान पुण्य प्राप्त होता है। मान्यता है इससे घर में सुख-शांति आती है और समृद्धि का वास होता है। इस माह में आम का दान करना भी शुभ एवं उत्तम माना गया है।

5- ज्योतिषियों का मानना है कि, इस दिन (वरुथिनी एकादशी) भगवान विष्णु को गेंदे के फूल अर्पित करने के बाद थोड़े से पुष्पों का दान भी करना चाहिए। यहां पुष्पों के दान से अर्थ है कि फूलों की सेवा मंदिर में भगवान के समक्ष करना। इससे जीवन मधुर रहता है।