धर्म-अध्यात्म

Published: Mar 25, 2021 08:00 AM IST

धर्म-अध्यात्मभगवान शिव को करना है प्रसन्न तो ऐसे करें प्रदोष व्रत की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त, नियम और महत्व

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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-सीमा कुमारी 

हिन्दू मान्यता अनुसार हर महीने त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस साल का दूसरा प्रदोष व्रत 26 मार्च, शुक्रवार को है। शास्त्रों के अनुसार, प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा की जाती है। प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर अपनी कृपा बनाएं रखते हैं। प्रदोष व्रत का नाम उसके दिन के अनुसार होता है। इस बार त्रयोदशी तिथि शुक्रवार को पड़ने के कारण यह शुक्रप्रदोष कहलाएगा। 

हिन्दू धर्म में इस व्रत का बहुत महत्व है। वहीं नियम और निष्ठा के साथ प्रदोष व्रत करने से भगवान भोलेनाथ की कृपा सदैव बनी रहती है। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को करने से जीवन के कष्टों से छुटकारा मिलता है। प्रदोष व्रत में भगवान शिव के साथ-साथ शिव परिवार की पूजा करने से भी विशेष पुण्य मिलता है, इस व्रत में माता पार्वती और भगवान गणेश जी की भी पूजा की जाती है। चलिए जानें कब है प्रदोष व्रत, शुभ मुहूर्त, नियम, पूजा विधि और महत्व…

शुभ मुहूर्त-

पूजा विधि-

नियम-

महत्व-  
प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति के जीवन से सभी दुख दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। संतान प्राप्ति के लिए भी यह व्रत बहुत शुभ माना जाता है। माना जाता है कि शुक्रवार के दिन पड़ने वाला प्रदोष व्रत सौभाग्य और संपन्नता प्रदान करता है। इस व्रत को करने से भगवान शिव की असीम कृपा बनी रहती है।