धर्म-अध्यात्म

Published: Sep 16, 2020 05:38 PM IST

धर्म-अध्यात्मआज है सर्व पितृ अमावस्या, जानें महत्व, मुहूर्त और पूजा विधि

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

-सीमा कुमारी 

सर्व पितृ अमावस्या का  महत्व: इस समय पितरों के दिन पितृपक्ष चल रहे हैं. पितृपक्ष 17 सितंबर तक रहेगा. सर्व पितृ अमावस्या 17 सिंतबर को पड़ रही है. यह अमावस्या पितरों के लिए मोक्षदायनी अमावस्या मानी जाती है. हिन्दू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की अमावस्या तिथि को सर्व पितृ अमावस्या के नाम से जाना जाता है. श्राद्ध कर्म में इस तिथि का बड़ा महत्व है. सर्व पितृ अमावस्या तिथि का अधिक महत्व इसलिए भी है, क्योंकि यह जन्मकुंडली में पितृदोष-मातृदोष से मुक्ति दिलाने के साथ-साथ तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध के लिए अक्षय फलदायी मानी जाती है. शास्त्रों में यह तिथि सर्वपितृ श्राद्ध के नाम से भी जानी जाती है.

क्यों मनाया जाता है श्राद्ध पक्ष: ऐसा माना जाता है कि श्राद्ध या पितृ पक्ष के दौरान पूर्वज धरती पर आते हैं, इसलिए पितृ पक्ष में तर्पण और श्राद्ध के साथ दान करने का विधान बताया गया है. मान्यता है कि ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और आर्शीवाद प्रदान करते हैं.

सर्व पितृ अमावस्या 2020 तिथि मुहूर्त:

सर्वपितृ अमावस्या पर ऐसे करें श्राद्ध: 

श्राद्ध में कैसा भोजन बनाएं?

ऐसा माना जाता है कि श्राद्ध का भोजन बहुत ही साधारण और शुद्ध होना चाहिए, वरना आपके पूर्वज उस खाने को ग्रहण नहीं करते और आपको श्राद्ध पूजा का पूरा लाभ नहीं मिल पाता श्राद्ध के भोजन में खीर पूरी अनिवार्य होती है. जौ, मटर और सरसों का उपयोग कना श्रेष्ठ माना जाता है. ज्यादा पकवान पितरों की पसंद करने के लिए होने चाहिए. गंगाजल, दूध, शहद, कुश और तिल सबसे ज्यादा ज़रूरी है. तिल ज़्यादा होने से उसका फल ज्यादा मिल सकता है. तिल पिशाचों से श्राद्ध की रक्षा करने में मदद कर सकता हैं.