धर्म-अध्यात्म
Published: Sep 18, 2021 06:35 PM ISTPitru Paksha 2021जानें पितृपक्ष में दाढ़ी और बाल न कटाने के पीछे की वजह और श्राद्ध में किन बातों से करें परहेज
-सीमा कुमारी
सनातन हिंदू धर्म में पितृ पक्ष (pitru paksha) का विशेष महत्व होता है। मान्यताओं के मुताबिक, पितृगण हमारे लिए देवतुल्य होते हैं, इस कारण से ‘पितृ पक्ष’ में पितरों से संबंधित सभी तरह के कार्य करने पर वे हमें अपना आशीर्वाद देते हैं। मान्यताएं हैं कि पितर के प्रसन्न होने पर देवतागण भी हमसे प्रसन्न होते हैं। ‘पितृपक्ष’ के दौरान पूर्वजों का तर्पण नहीं करने हम पर ‘पितृदोष’ लगता है।
हिन्दू धर्म शास्त्रों में श्राद्ध पक्ष के लिए कई नियम बताए गए हैं। इन नियमों में कुछ कार्यो करने की मनाही है, वहीं कुछ बातें जरूरी बताई गई हैं। ऐसा माना जाता है कि इन नियमों का पालन करने से हमारे पितर हमसे संतुष्ट होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं। इसलिए पितरों को प्रसन्न रखने के लिए इन नियमों का पालन जरूर करना चाहिए, आइए जानें इस बारें में –
- ज्योतिष-शास्त्र के मुताबिक, श्राद्ध के दिनों पान नहीं खाना चाहिए। बॉडी मसाज या तेल की मालिश भी नहीं करना चाहिए। किसी और का खाना नहीं खाना चाहिए। इन दिनों खाने में चना, मसूर, काला जीरा, काले उड़द, काला नमक, राई, सरसों आदि वर्जित मानी गई है। इसलिए ऐसा करने से बचें।
- कहते हैं कि, ‘पितृपक्ष’ में कई चीजों से परहेज करना चाहिए, अन्यथा पूर्वज नाराज हो जाते हैं। लहसुन और प्याज से परहेज करें। ये चीजें तामसिक भोजन में आती हैं, इसलिए ‘पितृपक्ष’ के दौरान प्याज और लहसुन से परहेज करें। इसके साथ ही मांस, मछली और शराब का सेवन भी बिल्कुल न करें।
- ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, ‘पितृपक्ष’ के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। पति और पत्नी को थोड़ा संयम रखना चाहिए। कहते हैं, श्राद्ध के दिनों में पूर्वज हमारे घर में ही होते हैं। ऐसे में संयम बरतना बहुत जरूरी है। घर में शांति बनाएं रखें, लड़ाई-झगड़ों से भी दूर रहें।
- श्राद्ध-काल में पितरों के मंत्र “ऊँ पितृभ्य स्वधायीभ्य स्वधा नम: पितामहेयभ्य: स्वधायीभ्य स्वधा नम: प्रपितामहेयभ्य स्वधायीभ्य स्वधा नम:,
- अक्षंतपितरोमी पृपंतपितर: पितर: शुनदद्धवम्” का जप करें। इस मंत्र से पितरों सहित सभी देवी-देवता आपसे प्रसन्न होंगे।
- इस दौरान जो जातक अपने पूर्वजों का श्राद्ध कर्म करते हैं, उन्हें दाढ़ी और बाल नहीं कटवाना चाहिए। शास्त्रों में बताया गया है कि ‘पितृपक्ष’ के दौरान दाढ़ी और बाल कटवाने से धन की हानि होती है, क्योंकि यह शोक का समय माना जाता है।इसलिए ऐसा करने से बचें।
- ज्योतिषों को मानना है कि, ‘पितृपक्ष’ के दौरान बासी खाना भी नहीं खाना चाहिए। खासतौर से जिसे भोजन कराया जा रहा है और जो भोजन करा रहा है वे बासी खाना बिल्कुल न खाएं।