धर्म-अध्यात्म

Published: Oct 11, 2020 03:29 PM IST

धर्म-अध्यात्मजानें कहां से हुई रुद्राक्ष की उत्पत्ति और इसका महत्व

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

-सीमा कुमारी

हिन्दुओं को रुद्राक्ष के प्रति असीम आस्था होती है. रुद्राक्ष भोले शंकर का प्रतीक माना गया है. रुद्राक्ष को आभूषण के रूप में भोले बाबा अपने शरीर में धारण करते है. माना जाता है कि शिव के नेत्रों से गिरी अश्रुओं की धारा जहां-जहां धरती पर गिरी थी, वहाँ-वहाँ रुद्राक्ष का उद्भव हुआ था. रुद्राक्ष के कई रूप होते है, रुद्राक्ष का अर्थ है – रूद्र का अक्ष. मान्यता यह भी हैं कि रुद्राक्ष को ग्रह शांति के लिए और आध्यात्मिक लाभ के लिए प्रयोग किया जाता है.

मुख्य रूप से सत्तरह प्रकार के रुद्राक्ष होते हैं. सामाजिक इस्तेमाल में ग्यारह प्रकार के रुद्राक्ष विशेष रूप से प्रयोग किए जाते हैं.  रुद्राक्ष से कई प्रकार का लाभ होता है, परन्तु यह तभी संभव है, जब सोच समझकर नियमों के साथ रुद्राक्ष धारण किया जाए. बिना नियमों को जाने गलत तरीके से रुद्राक्ष को धारण करने से आपको उल्टा हानि भी हो सकती है.