धर्म-अध्यात्म

Published: Oct 24, 2021 10:34 AM IST

Karva Chauth 2021 इन 13 राज्यों के 30 शहरों में इस समय दिखेगा चांद, जानें महाराष्ट्र में कब होंगे चंद्र दर्शन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नई दिल्ली: आज करवाचौथ का पावन पर्व आ गया है। यह त्यौहार साथ ही सभी महिलाओं के चेहरे पर मुस्कुराहट लेकर आया है। यह त्यौहार सुहागन महिलाओं के लिए बहुत खास होता है। आपको बता दें कि आज करवा चौथ पूजा के लिए 2 मुहूर्त है। इसमें सबसे पहले गणेश पूजा की जाएगी फिर चौथ माता और उसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोला जाएगा। 

दो शुभ मुहूर्त 

दरअसल इस साल करवाचौथ में एक नहीं बल्कि दो शुभ मुहूर्त है जिसमे आप पूजा कर सकते है। सबसे पहले शाम 5. 41 मिनट -6. 50 तक है और वहीं  दूसरा मुहूर्त उसी शाम 7. 20-8.50 है। इस दो शुभ मुहूर्त में आप पूजा कर सकते है। 

कैसे होता है यह त्यौहार 

दरअसल आज कार्तिक महीने के कृष्णपक्ष की चतुर्थी पर करवा चौथ का पावन पर्व हर जगह मनाया जा रहा है। इस त्योहार पर महिलाएं व्रत करती है  और महिलाएं दिनभर बिना कुछ खाए-पिए रहेंगी। इस तरह निर्जल रहकर पति की लंबी उम्र और घर में सुख-समृद्धि की कामना से दिनभर व्रत रखेंगी। ये व्रत शाम को चांद निकलने तक रखा जाएगा। शाम में चंद्रमा के दर्शन करके अर्घ्य देने के बाद महिलाएं पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोलेंगी। आज शाम को चंद्रमा की पूजा से पहले भगवान गणेश और चौथ माता की भी पूजा होगी। इस तरह इस व्रत का समापन होगा। 

जानें किस शहर में कब दिखेगा चांद 

इस तरह होती है पूजा की सामग्री

करवाचौथ के पूजन में कुछ महत्वपूर्ण सामग्री का होना बहुत जरुरी होता है। इसमें खासकर अबीर, गुलाल, कुमकुम, हल्दी, मेहंदी, कलावा, जनेऊ, फूल, चावल, चंदन, इत्र, घी का दीपक, अगरबत्ती, नारियल और मिठाई। इत्यादि जरुरी पूजा सामग्री होती है। 

इस तरह सजाएं पूजा की थाली

करवाचौथ के त्यौहार में पूजा की थाल का भी एक महत्वपूर्ण स्थान होता है ऐसे में हमें ध्यान रखना चाहिए कि हम सही तरीके से पूजा की थाल को सजाये। कुछ जगहों की परंपराओं के मुताबिक खील से भरे करवे रखे जाते हैं। साथ ही सुहाग से जुड़ी सामग्री जैसे-बिंदी, सिंदूर,चूड़ियां होती हैं।

चंद्रमा पूजा के लिए थाली में छलनी, अर्ध्य के लिए करवे में जल, व्रत खोलने के लिए पानी और मिठाई होनी चाहिए। इसके बाद सास या घर की बुजुर्ग महिला के लिए कपड़े भी रखे जाते हैं। पूजा के बाद थाली में रखी सुहाग सामग्री उन्हें दी जाती है। इस तरह आप भी आज अपने पूजा की खूबसूरत थाल को सजाए।

करवाचौथ की व्रत और पूजा विधि : 

1 . सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर नहाने के बाद व्रत का संकल्प लें।

2. आपको बता दें कि दिनभर बिना कुछ खाए-पिए व्रत रखें। शारीरिक स्थिति ठीक न हो तो फलाहार कर सकते हैं।

3. उसी शाम को जहां पूजा करनी है, वहां लाल कपड़ा बिछाकर भगवान शिव-पार्वती, कार्तिकेय और गणेश जी स्थापित करें।

4. उसके बाद चौथा माता की फोटो और पानी से भरा मिट्टी का करवा रखें।

5. पूजा सामग्री चढ़ाने के बाद लड्डू और अन्य मिठाइयों का भोग लगाकर सभी चौथ माता की आरती करें।

ऐसे करें चंद्रमा और पति की पूजा विधि

1.  सबसे पहले शाम में चंद्रमा को प्रणाम कर के अर्घ्य दें। फिर चंदन, अक्षत, अबीर, गुलाल, फूल और अन्य पूजन सामग्री चढ़ाएं।

2. इसके बाद पति को तिलक लगाकर पैर छूएं। पति को मिठाई खिलाएं फिर उनके हाथों से करने का पानी पिएं।

3.  सासू मां या घर की बड़ी महिला को प्रणाम कर के करवा भेंट करें और उनसे आशीर्वाद लें।

करवाचौथ की व्रत कथा 

आपको बता दें कि यह कथा वर्मन पुराण के मुताबिक़ है। आईये जानते है करवाचौथ की व्रत कथा। वामन पुराण में बताई व्रत की कथा में वीरावती सौभाग्य और अच्छी संतति के लिए करवा चौथ का उपवास रखकर चंद्रमा के निकलने का इंतजार करती है।

भूख-प्यास से पीड़ित बहन को मूर्च्छित होते देखकर उसके भाई से रहा नहीं जाता और वह मशाल लेकर बरगद पर चढ़ जाता है और पत्तों के बीच से मिथ्या चंद्र दर्शन करा देता है। जिससे वीरावती के पति की मृत्यु हो जाती है। देवी पार्वती द्वारा पुन: व्रत विधि निर्देशित करने के बाद वीरावती को सौभाग्य प्राप्ति होती है और उसके पति के प्राण बच जाते हैं।