धर्म-अध्यात्म
Published: Apr 18, 2024 10:51 AM ISTRavi Pradosh Vrat 202421 अप्रैल को है 'रवि प्रदोष व्रत' 2024, सही मुहूर्त में करें शिव-पार्वती की पूजा, मिलेगा धन-वैभव का आशीर्वाद
सीमा कुमारी
नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: 21 अप्रैल 2024 दिन रविवार को ‘रवि प्रदोष व्रत’ (Ravi Pradosh Vrat 2024) का पावन व्रत रखा जाएगा। यह पर्व देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर यह व्रत रखा जाता है।इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) संग माता पार्वती (Goddess Parvati) की पूजा की जाती है। साथ ही मनोकामना पूर्ति के लिए व्रत भी रखा जाता है। रविवार को पड़ने के कारण इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाएगा।
इस व्रत में बन रहे शुभ योग
ज्योतिषियों की मानें तो, रवि प्रदोष व्रत पर अत्यंत लाभकारी शिव वास समेत 7 अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को पृथ्वी लोक में ही स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होती है। आइए जानें इस बारे में-
शुभ मुहूर्त
ज्योतिष गणना के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 20 अप्रैल को रात 10 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 22 अप्रैल को देर रात 1 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगी। भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। अतः 21 अप्रैल को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस दिन प्रदोष काल संध्याकाल 6 बजकर 51 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 2 मिनट तक है। इस दौरान भक्त अपने आराध्य भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं।
शुभ योग
रवि प्रदोष व्रत पर सर्वार्थ सिद्धि योग दिन भर है। वहीं, रवि योग का निर्माण संध्याकाल 5 बजकर 8 मिनट से हो रहा है, जो अगले दिन सुबह 5 बजकर 48 मिनट पर समाप्त होगा। इसी समय में अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। जबकि, अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 54 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक है। इसके अलावा, कौलव करण का योग सुबह 11 बजकर 57 मिनट तक है। इसके बाद तैतिल करण का योग बन रहा है। इसी दिन शिव वास का भी अद्भुत संयोग बन रहा है। ज्योतिषियों की मानें तो भगवान शिव अपने वाहन नंदी पर विराजमान रहेंगे।