धर्म-अध्यात्म

Published: May 16, 2022 07:02 PM IST

Jyeshtha Monthआज से आरंभ हुआ ज्येष्ठ का महीना, ये काम दे सकते हैं आपके भाग्योदय में साथ

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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-सीमा कुमारी

साल 2022 ज्येष्ठ (Jyeshtha Month) या जेठ का आरंभ 17 मई, मंगलवार से हो रहा है। और जिसका समापन 14 जून को होगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ का महीना तीसरा महीना होता है। इस महीने में सूर्य अत्यंत ताक़तवर होता है, इसलिए गर्मी भी ज्यादा होती है। सूर्य की ज्येष्ठता के कारण इस माह को ज्येष्ठ कहा जाता है। 

इस महीने में धर्म का सम्बन्ध जल से जोड़ा गया है, ताकि जल का संरक्षण किया जा सके। इस महीने में सूर्य और वरुण देव की उपासना विशेष फलदायी होती है। आइए जानते हैं ज्येष्ठ माह के धार्मिक महत्व के बारे में-

ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, ज्येष्ठ माह में सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए आप रविवार का व्रत रख सकते हैं। इस दिन नमक खाना वर्जित है। मीठा भोजन करके पारण करना चाहिए।

कहते हैं कि, इस महीने कुछ ऐसे कार्य हैं, जिनको करने से भाग्य मजबूत होता है और पुण्य भी मिलता है। इस माह में सूर्य अत्यंत ताक़तवर होता है, आप कुछ कार्यों को करके सूर्य देव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं, जिससे आपके यश, कीर्ति, सफलता, प्रभाव आदि में वृद्धि होगी।  

ज्योतिषियों के मुताबिक़, ज्येष्ठ माह में ही प्रभु श्रीराम से हनुमान जी का मिलन हुआ था, इसलिए इस माह में हनुमान जी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके अलावा, इस माह में आप पशु-पक्षियों के लिए दाने और पानी की व्यवस्था करें। ऐसा करने से आप पर ईश्वर की कृपा बनी रहेगी।

इस महीने में जल की भी पूजा की जाती है, इसलिए इस महीने में दो बड़े व्रत गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी रखे जाते है।  

ज्येष्ठ माह में सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए क्योंकि इस समय में उनका प्रभाव ज्यादा होता है। सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए रोज स्नान के बाद जल अर्पित करें और उनके मंत्र का जाप करें।