धर्म-अध्यात्म

Published: Jun 01, 2022 06:03 PM IST

Rambha Tritiya 2022आज है 'रंभा तृतीया व्रत', इस विधि को अपनाकर करें पूजा, मिलेगा मनचाहा वर

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम
File Photo

-सीमा कुमारी

हिन्दू धर्म में ‘रंभा तीज’ (Rambha Teej) व्रत का बड़ा महत्व है। सौंदर्य और सौभाग्य का प्रतीक ‘रंभा तीज’ का पावन पर्व इस बार 2 जून, गुरुवार को है। यह पर्व हर साल ज्येष्ठ माह (Jyeshta maah) के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। यह व्रत सुहागिन स्त्रियों के लिए विशेष रूप से फलदायी एवं मनवांछित फल प्रदान करने वाली मानी जाती है।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक, अप्सरा रंभा की उत्पति देवों और असुरों द्वारा किए गए समुद्र मंथन से हुई थी। तो आइए जानें ‘रंभा तीज’ (Rambha Teej) का शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि और इसकी महिमा –

शुभ मुहूर्त  

ज्येष्ठ माह (Jyeshta Maah) के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पड़ने वाला यह व्रत जातक के जीवन में प्रेम और सौभाग्य लाता हैं। यह व्रत 2 जून को रखा जाएगा।

पूजा-विधि

‘रंभा तीज’ के दिन सुबह स्नान करके साफ कपड़ा धारण कर लें। इसके बाद सूर्य की तरफ मुख करके बैठ जाएं और दीपक जलाएं। बता दें कि इस दिन विवाहित स्त्रियां सौभाग्य और सुंदरता की प्रतीक रंभा, धन की देवी मां लक्ष्मी और सती की विधि-विधान के साथ पूजा करती हैं। इस दिन कुछ जगहों पर चूड़ियों के जोड़े को रंभा के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। साथ ही, इस दिन रंभोत्कीलक यंत्र की भी पूजा की जाती है। अप्सरा रंभा को इस दिन चंदन, फूल आदि अर्पित किया जाता है।  इसके अलावा, रंभा तीज को हाथ में अक्षत लेकर इन मंत्रों का जाप करेंगे तो जीवन में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहेगी।

महिमा

इस दिन विधिपूर्वक पूजन करने और मंत्रोच्चारण से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और सौंदर्य की प्राप्ति होती है। ये व्रत शादीशुदा महिलाओं द्वारा रखा जाता है और पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। इतना ही नहीं, इस व्रत को कुंवारी महिलाएं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए भी रखती हैं।