धर्म-अध्यात्म

Published: Apr 15, 2024 02:46 PM IST

Chaitra Navratri 2024आज चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन करें मां महागौरी की पूजा, जानिए विशेष मंत्र और मां के इस स्वरूप की महिमा

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन है आज (डिजाइन फोटो)

सीमा कुमारी

नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क:
आज यानी 16 अप्रैल ‘चैत्र नवरात्रि’ (Chaitra Navratri 2024) का आठवां दिन मां महागौरी को समर्पित है। आदिशक्ति श्रीदुर्गा का अष्टम रूप श्री महागौरी हैं। मां महागौरी का रंग अत्यंत गौर वर्ण है इसलिए इन्हें महागौरी के नाम से जाना जाता है।

आठवें दिन करें महागौरी का पूजन

इस दिन मां महागौरी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस दिन विधि-विधान से मां की पूजा करें। साथ ही मां को उनके पसंदीदा फूल और प्रसाद भी अर्पित करें। श्वेत वस्त्र धारण करने वाली मां महागौरी का वाहन वृषभ है। मां की चार भुजाएं हैं। ऊपर वाला दाहिना हाथ अभय मुद्रा में है, बाएं हाथ में डमरू है। माता अपने निचले हाथ में त्रिशूल धारण किये हुए हैं तथा वर मुद्रा में हैं। मान्यता है कि मां महागौरी की पूजा करने से मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। आइए जानें आदिशक्ति श्रीदुर्गा का अष्टम रूप श्री महागौरी पूजा विधि और इसकी महिमा

ऐसे करें मां महागौरी की पूजा

अष्टमी के दिन देवी महागौरी की पूजा करने के लिए सुबह स्नान करें और सफेद या गुलाबी रंग के कपड़े पहनें। मां को लाल या सफेद फूलों की माला अर्पित करें। उन्हें रोली-कुमकुम लगाएं। धूप, दीप, अगरबत्ती, अक्षत और श्रृंगार का सामान अर्पित करें। मां को नारियल और काले चने का भोग लगाएं। साथ ही दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और फिर आरती करें। कुछ लोग इस दिन कन्या पूजन करते हुए पारण करते हैं। वहीं, कुछ लोग नवमी के दिन पारण करते हैं।

मां महागौरी की महिमा

आदि शक्ति देवी दुर्गा के आठवें स्वरूप की पूजा करने से सभी ग्रहदोष दूर हो जाते हैं। मां महागौरी का ध्यान-स्मरण, पूजन-आराधना से दांपत्य सुख, व्यापार, धन और सुख-समृद्धि बढ़ती है। मनुष्य को सदैव इनका ध्यान करना चाहिए,इनकी कृपा से आलौकिक सिद्धियों की प्राप्ति होती है। ये भक्तों के कष्ट जल्दी ही दूर कर देती हैं एवं इनकी उपासना से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। ये मनुष्य की वृतियों को सत्य की ओर प्रेरित करके असत्य का विनाश करती हैं। भक्तों के लिए यह देवी अन्नपूर्णा का स्वरूप हैं इसलिए अष्टमी के दिन कन्याओं के पूजन का विधान है। ये धन, वैभव, अन्न-धन और सुख-शांति की अधिष्ठात्री देवी हैं।

मां महागौरी को पूजा के दौरान सफेद, मोरपंखी या पीले रंग का पुष्प अर्पित करना चाहिए। ऐसे में मां दुर्गा को चमेली व केसर का फूल अर्पित किया जा सकता है।

मां महागौरी का वंदना मंत्र

श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।