लाइफ़स्टाइल

Published: Jun 20, 2020 04:59 PM IST

लाइफ़स्टाइलपांच सौ सालों में नहीं बनी ऐसी ग्रह स्थिति

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

ज्योतिषाचार्य अतुल शास्त्री ने बताया कि 21 जून 2020 को लगने वाले सूर्य ग्रहण में 6 ग्रह वक्री रहेंगे. ग्रहण राहुग्रस्त है, जो मिथुन राशि में सूर्य एवं चन्द्रमा को पीडि़त कर रहे हैं.  मंगल जल तत्व की राशि मीन में होकर मिथुन, कन्या एवं तुला राशि को देख रहे हैं. इस दिन बुध, बृहस्पति, शुक्र शनि वक्री रहेंगे. राहु, केतु तो हमेशा ही वक्री रहते हैं. इस 6 ग्रहों की वक्र गति होने के कारण ये सूर्य ग्रहण खास हो गया है. वराह मिहिर के ज्योतिष ग्रंथ वृहत्संहिता के अनुसार इस ग्रहण पर मंगल की दृष्टि होने से एवं 6 ग्रह वक्री होने से ग्लोब चित्रानुसार मिथुन, वृष, कर्क, वृश्चिक, धनु और मकर रेखा में पडऩे वाले क्षेत्र व देश में भयंकर भूकम्प, जलप्लावन, सुनामी, अग्नि तांडव एवं महामारी का विशेष प्रकोप होगा. भारत में मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, गुजरात, काश्मीर, हिमालयी क्षेत्र, बिहार में भूकम्प और जलप्लावन की स्थिति भयंकर हो सकती है.

अन्य देशों मेंअफगानिस्तान, नेपाल, चीन, पाकिस्तान, सउदीअरब, यूएई, यूथियोपिया, कांगो, अमेरिका में भी भूकम्पादि उत्पात, सुनामी एवं अन्य जगहों पर जीवित ज्वालामुखी का भयंकर रुप दिखाई दे सकता है. ग्रहों की स्थिति और सूर्यग्रहण के दुष्प्रभाव विचार से भारत की राजधानी दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, नेपाल, चीन, हिमालयी क्षेत्र में 22 दिसम्बर से पहले बड़ा भयंकर भूकंप आने का भय बना रहेगा. विश्व फल विचार से पूरा विश्व तीन ध्रुवों मे बंटेगा. परमाणु युद्ध भी हो सकता हैं, क्योंकि अग्नि तत्व सूर्य चतुग्रही ग्रहण योग में हैं, तथा उसपर मंगल की पूर्ण दृष्टि है. पूरे विश्व में दो से तीन देशों का अस्तित्व समाप्त हो सकता है. इसका प्रभाव नव संवत्सर से पूर्व बना रहेगा.

12 साल बाद इंतजार हुआ खत्म

21 जून को साल का पहला सूर्यग्रहण साल 2020 का भारत में दिखाई देने वाला एक मात्र सूर्य ग्रहण इस ग्रहण का परमग्रास 99.4 प्रतिशत रहेगा, यानी कुछ स्थानों पर सूर्य पूरी तरह छुप जाएगा. यह ग्रहण करीब 03 घंटे 25 मिनट रहेगा. यह छल्लेदार सूर्य ग्रहण होगा और लखनऊ में आंशिक दिखेगा मगर राजस्थान, उत्तराखंड के कुछ हिस्सों से पूर्ण छल्लेदार दिखाई देगा 

क्या होता है सूर्यग्रहण ?

सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है. इस छल्लेदार सूर्य ग्रहण को देखने के लिये वैज्ञानिक और आमलोग सालों इंतजार करते हैं. वर्ष 2009 के बाद इस तरह की खगोलीय घटना सामने नहीं आई.

ग्रहण का समय

ग्रहण स्पर्श 10 :14 am

ग्रहण मध्य 11 :53 am

ग्रहण काल 03 :25 मिनट

ग्रहण मोक्ष 01 :38 pm

ग्रहण सूतक का प्रारम्भ 20 जून रात्रि 10 :14 pm से प्राम्भ हो जाएगा.

सूर्यग्रहण होने के लिये निम्न शर्तें पूरी होनी आवश्यक है

इन राशियों पर कैसा रहेगा प्रभाव

मिथुन राशि के जातक रहें सावधान,सिंह, कन्या, तुला, मीन राशि के जातक होंगे मालामाल बाकी राशियों के जातक भी हो सकते हैं हलाकान इस ग्रहण के प्रभाव स्‍वरूप देश व दुनिया में पड़ोसी राष्‍ट्रों के आपसी तनाव, अप्रत्‍यक्ष युद्ध, महामारी, किसी बड़े नेता की हानि, राजनीतिक परिवर्तन, हिंसक घटनाओं में इजाफा, आर्थिक मंदी आदि पनपने के संकेत हैं. जहां तक भारत की बात है, विश्‍व में भारत का प्रभाव बढ़ेगा. महामारी से कई देशों को नुकसान होगा. प्राकृतिक आपदाएं आएंगी. विश्व में कहीं पर युद्ध होगा वैश्विक शक्तियां लड़ने को हावी होगी. किसी ख्याति प्राप्त यशस्वी कीर्तिमान राजनीति नेता की हत्या होगी कुछ जगह पर आपसी लड़ाईया होगी. जल प्रलय का खतरा हम सभी पर मंडरा रहा है. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार ग्रहण काल में भगवान की मूर्ति स्पर्श नहीं करनी चाहिए. सूर्य ग्रहण के समय ब्रम्हचर्य का पालन करना चाहिए. सूतक काल ग्रहण लगने पहले ही शुरू हो जाता है. इस समय खाने पीने की मनाही होती है. सूतक काल के समय शुभ काम और पूजा पाठ नहीं की जाती है. भगवान की मूर्ति को स्पर्श करने की भी मनाही होती है. ग्रहण के दौरान बाल और नाखून काटने से बचना चाहिए. इसके अलावा न तो कुछ खाना चाहिए और न ही खाना बनाना चाहिए.

गर्भवती महिलाएं रखे विशेष ख्याल

गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के समय विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसी महिलाओं को सूर्यग्रहण नहीं देखना चाहिए. सूर्यग्रहण देखने से शिशु पर दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय कैंची, चाकू आदि से कोई वस्तु नहीं काटनी चाहिए. ग्रहण के दौरान कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए ऐसा शास्त्रों का कहना है. इन उपायों को करने से ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचा जा सकता है. ग्रहण समाप्त होने के बाद सूर्योदय के समय पुन: स्नान करके संकल्पपूर्वक यथा शक्तिवस्तुओं का दान कर दें.

-ज्योतिषाचार्य प.अतुल शास्त्री