पर्यटन

Published: Sep 12, 2020 05:01 PM IST

पर्यटनभारत की इन जगहों पर हैं बापू के जीवन से जुड़ी कई चीज़ें

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी बेहद ही सामान्य जीवन जीने वाले व्यक्ति थे। वह अपने विचार से लोगों पर अपनी छाप छोड़ देते थे। उनके विचार आज भी पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। उन्हें बापू कह कर भी संबोधित किया जाता है। भले ही बापू आज हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन उनके विचार और आदर्श आज भी हमारे दिलों में जिंदा हैं। तो अगर आप भी महात्मा गांधी के विचारों और उनके सीधे-सरल जीवन से प्रभावित हैं तो भारत की इन जगहों को देखने ज़रूर जाएं। 

साबरमती आश्रम-
अहमदाबाद से महात्मा गांधी का खास जुड़ाव रहा है। साबरमती नदी के किनारे बापू का आश्रम बनाया था, जिसे साबरमती आश्रम कहते हैं। इसे देखकर आप उनके रहन-सहन के बारे में काफी अच्छी तरह से जान सकते हैं। यहां पर महात्मा गांधी और उनकी पत्‍‌नी कस्तूरबा गांधी ने करीब 12 साल बिताए थे। गांधी जी को साबरमती संत नाम से भी बुलाते हैं। बापू ने आश्रम में 1915 से 1933 तक निवास किया। जब वे साबरमती में होते थे, तो एक छोटी सी कुटिया में रहते थे जिसे आज हृदय कुंज कहा जाता है। 
यहां आज भी उनका डेस्क, खादी का कुर्ता, उनके पत्र आदि मौजूद हैं। हृदय कुंज के पास नन्दिनी है। जो उनका अतिथि-कक्ष था। यहां पं. जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, सी.राजगोपालाचारी, दीनबंधु एंड्रयूज और रवींद्रनाथ टैगोर आदि ठहरते थे। मार्च 1930 में दांडी यात्रा की शुरुआत साबरमती आश्रम से हुई थी।

सेवाग्राम, वर्धा, महाराष्ट्र-
वर्धा शहर से 8 किमी दूर तकरीबन 300 एकड़ भूमि पर बना है सेवाग्राम, जहां प्रवेश करना किसी मंदिर में प्रवेश करने जैसा है। वर्धा आश्रम में बापू की सादगी, जीवनचर्या, अनुशासन को आप महसूस कर सकते हैं। यहां उन्होंने जीवन के 12 वर्ष बिताए थे। आश्रम में मौजूद जिस अमरूद के पेड़ के नीचे आश्रय लिया था वहां कुटिया आदिनिवास बना है। यह कुटिया उन्होंने अपनी शर्तो पर बनवाई थी जिसमें उस समय महज 500 रुपये का खर्च आया था। आश्रम में बापू का कार्यालय, प्रार्थना क्षेत्र, चर्चा कक्ष, पुस्तकों का संग्रह, बेडरूम और यहां तक कि स्नान कक्ष और टब भी है। जहां बापू से संबंधित चीज़ें उसी रूप में रखी गई हैं। उनके कार्यालय के कमरे में उनका टेलीफोन और टाइपराइटर रखा हुआ है, जिनका वो उपयोग करते थे। 

पोरबंदर-
मोहनदास करमचंद गांधी को जानने की शुरुआत आप पोरबंदर से कर सकते हैं। इसका आधुनिक इतिहास महात्मा गांधी से जुड़ा है। यह जगह बापू की जन्मस्थली रहा है। पोरबंदर में महात्मा गांधी का बचपन बीता। यहां पर उनसे जुड़ी बहुत सी चीज़े हैं। पोरबंदर स्थित कीर्ति मंदिर महात्मा गांधी को समर्पित एक खास स्मारक है। यह मंदिर तीन मंजिला है जिसे एक हवेली के रूप में बनाकर तैयार किया गया है। मंदिर की दीवारों को महात्मा गांधी और उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी के जीवन को चित्रों के माध्यम से देखा जा सकता है। इससे यह मंदिर एक तरह से संग्रहालय का काम करता है। यहां महात्मा गांधी के जन्म स्थान को स्वास्तिका के साथ चिन्हित किया गया है।