पर्यटन

Published: Apr 08, 2024 01:52 PM IST

Chaitra Navratri 2024चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के इन पूजा स्थलों का करें दर्शन, मनोकामनाएं होंगी पूरी और कठिनाइयों से मिलेगा छुटकारा

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नवरात्रि पर इन जगहों को करें विजिट (सौजन्य- डिजाइन फोटो)

सीमा कुमारी

नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: 9 अप्रैल, मंगलवार से ‘चैत्र नवरात्रि’ (Chaitra Navratri 2024) की शुरु हो रही है। हिन्दू धर्म (Hindu Religion) में नवरात्रि का महापर्व बड़ा महत्व रखता है। आपको बता दे, पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि से ही हिन्दू नववर्ष की भी शुरुआत हो जाती है। चैत्र नवरात्रि के मौके पर मां दुर्गा (Goddess Durga) की पूजा की जाती है। इस मौके पर घर में घटस्थापना होती है। साथ ही आसपास के दुर्गा माता मंदिरों के दर्शन के लिए भक्त जाते हैं। देश में कई प्राचीन दुर्गा माता मंदिर हैं, साथ ही 52 देवी शक्तिपीठ हैं, जहां आप दर्शन के लिए जा सकते हैं।

कई मंदिरों में है चमत्कारी मान्यता

कई मंदिरों की चमत्कारी मान्यता है। कहा जाता है कि कुछ दुर्गा माता मंदिर ऐसे हैं, जहां दर्शन मात्र से श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी होती है। नवरात्रि के मौके पर इन मंदिरों में श्रद्धालुओं की होड़ लगती है, क्योंकि यहां नौ दिन दर्शन मात्र से इच्छापूर्ति होती है। ऐसे में आइए आज हम आपको माता रानी के 5 मंदिरों के बारे में बताएंगे जहां आप नवरात्रि में दर्शन कर सकते है।

कामाख्या मंदिर, गुवाहाटी

असम राज्य के गुवाहाटी शहर में नीलांचल पहाड़ियों पर कामाख्या मंदिर स्थित है। इस स्थान पर देवी सती का एक अंग गिरा था, जिस कारण कामाख्या माता मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक प्रमुख शक्तिपीठ माता जाता है। मान्यता है कि यहां माता सती का योनि भाग गिरा था। नवरात्रि के मौके पर कामाख्या माता मंदिर में दर्शन के लिए जा सकते हैं।

वैष्णो देवी मंदिर, कटरा

जम्मू कश्मीर राज्य में माता वैष्णो देवी का दरबार है। यह भारत के सबसे प्राचीन और प्रमुख दुर्गा मंदिरों में से एक है। राज्य के कटरा जिले में त्रिकुटा पहाड़ी पर माता का मंदिर है। यहां माता दुर्गा वैष्णो देवी के रूप में विराजमान हैं। महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती पिंडी के रूप में त्रिकुटा पर्वत पर एक गुफा में रहती हैं।

वैष्णो देवी मंदिर (सौजन्य-सोशल मीडिया)

ज्वाला देवी मंदिर, कांगड़ा

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में ज्वाला देवी मंदिर स्थित है। मान्यता है कि ज्वाला देवी मंदिर में दर्शन से भक्तों के सभी कष्टों का अंत हो जाता है। इस स्थान पर देवी सती की जीभ गिरी थी । बाद में राजा भूमि चंद कटोच ने भव्य मंदिर का निर्माण कराया। इस मंदिर में अखंड ज्वाला जलती रहती है। मान्यता है कि ज्वाला के रूप में माता दुर्गा यहां विराजमान हैं। नवरात्रि के मौके पर इस मंदिर में दर्शन करने जा सकते हैं, कहते हैं कि ज्वाला जी कि दर्शन से बिगड़े काम बन जाते हैं।

ज्वाला देवी मंदिर (सौजन्य से- सोशल मीडिया)

नैना देवी उत्तराखंड

नैना देवी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक हैं। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, यहां सती माता के नेत्र गिरे थे जिस कारण से इस मंदिर का नाम नैना देवी मंदिर हैं। ये मंदिर उत्तराखंड में स्थित हैं। नंदा अष्टमी के अवसर पर नैना देवी मंदिर में एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता है, जहां भारी संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं। ये उत्सव नैना देवी मंदिर के बाहर 8 दिनों तक चलता हैं।

मनसा देवी मंदिर, हरिद्वार

मनसा देवी मंदिर हरिद्वार में स्थित हैं। भगवान शिव की मानस पुत्री और नागराज वासुकी की बहन के रूप में मां मनसा देवी की पूजा की जाती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी भक्त यहां आता है उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मनसा देवी में भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए पेड़ की डाली से पवित्र धागा बांधते हैं और जब मनोकामनाएं पूरी हो जाती है तो वापस आकर इस धागे को खोल देते हैं।