वास्तु-ज्योतिष

Published: Aug 04, 2023 04:08 PM IST

Temple of the houseघर के मंदिर को लेकर इन बातों का जरूर रखें ध्यान, इस दिन स्थापित न करें घर में मंदिर

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

सीमा कुमारी

नई दिल्ली: सनातन धर्म में वास्तु शास्त्र का बड़ा महत्व है। वास्तु शास्त्र में घर के हर एक स्थान का विशेष महत्व है। खासतौर से, घर का मंदिर वास्तु में बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। घर के मंदिर से ही सबसे ज्यादा सकारात्मक ऊर्जा निकलती है। इसके प्रभाव से घर के सदस्यों की बरकत होती है।  

कई बार मंदिर के पुराने होने पर हम उसे बदलने या हटाने की सोचते है। लेकिन शास्त्रों में इसे शुभ नहीं मानते। घर के मंदिर को एक दम बदलना या हटाना शुभ नहीं माना गया है। लेकिन कई बार मंदिर को बदलना बेहद जरूरी भी हो जाता है। ऐसे में पुराने मंदिर का क्या किया जाए। आइए जानें इस बारे में विस्तार से-

ज्योतिषियों के मुताबिक, घर में रखा मंदिर सकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है। जब आप अपने घर में पूजा करते हैं तो इसकी उर्जा भी आपके घर में रहती है। वहीं जब आप इसे बेचने की या किसी को देने की सोचते हैं तो इसकी सारी सकारात्मक ऊर्जा उसी के साथ चली जाती है।

अगर आप अपना मंदिर किसी को देने या बेचने की सोच रहे हैं तो पुराने मंदिर से सभी देवी-देवताओं की मूर्ति या तस्वीर उठाने से पहले नए मंदिर में किसी पुजारी द्वारा मंत्रोच्चार के साथ विधिवत प्राण-प्रतिष्ठा करवा लें।

इस तरह से नए मंदिर में पूजा करवाने से मंदिर में ऊर्जा का संचार होता है। वहीं अगर आप पुराने देवी-देवताओं की मूर्तियों या तस्वीरों को हटाना चाहते हैं तो इसे पानी में न बहाएं इसे आप किसी मंदिर के पुजारी को दे सकते हैं। इन मूर्तियों को तस्वीरों को कभी भी किसी चौराहे या पेड़ के नीचे नहीं छोड़ना चाहिए। इनका आप विसर्जन कर सकते हैं।

कहते हैं, मंदिर की घर में स्थापना करने के लिए सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार का दिन सबसे शुभ होता है। मंगलवार, शनिवार और रविवार के दिन घर में मंदिर की स्थापना करने की मनाही है।