वास्तु-ज्योतिष

Published: May 18, 2023 05:24 PM IST

Vat savitri vrat 2023यदि कर रहे हों 'वट सावित्री' का व्रत, तो ज़रूर जानें क्या करें क्या नहीं, दीर्घायु होंगे जीवन साथी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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सीमा कुमारी

नई दिल्ली: अखंड सौभाग्य एवं सुखी वैवाहिक जीवन की कामना हेतु सुहागिन महिलाएं द्वारा की जानी वाली व्रत यानी ‘वट सावित्री व्रत’ (Vat savitri vrat 2023) 19 मई 2023,शुक्रवार को है। ये व्रत प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर रखा जाता है। यह व्रत उत्तर भारत,बिहार,झारखंड,नेपाल और महाराष्ट्र में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन महिलाओं को पूजा और व्रत के समय में कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए। इससे आपका व्रत सफल होगा और पति दीर्घायु तथा दांपत्य जीवन सुखमय होगा। आइए जानें वट सावित्री व्रत के दिन क्या करें और क्या न करें।

ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, वट सावित्री व्रत पति की लंबी उम्र के लिए रखते हैं तो इस दिन जीवनसाथी को वाद विवाद या झगड़ा नहीं करना चाहिए। पति और पत्नी को सद व्यवहार करना चाहिए। यह व्रत अखंड सौभाग्य का है, इसलिए व्रती को सोलह श्रृंगार करना चाहिए। इसके लिए व्रत से पहले ही व्यवस्था कर लें।

जो व्रत रखा है, उसे गलत कार्यों से बचना चाहिए। व्रत हमेशा मन, वचन और कर्म की शुद्धता के साथ करना चाहिए, तभी वह फलित होगा। किसी के प्रति घृणा या द्वेष न रखें। पति की लंबी आयु और संतान प्राप्ति के लिए बरगद यानि वट वृक्ष की पूजा करें।  यमराज से सावित्री को 100 पुत्रों की माता और अखंड सौभाग्य का आशीवार्द मिला था।

इस दिन महिलाएं काला, नीला और सफेद रंग का उपयोग अपने श्रृंगार या कपड़ों में न करें। जैसे इन रंगों की चूड़ी, साड़ी, बिंदी आदि का उपयोग न करें। कहा जाता है कि व्रत वाले दिन महिलाओं को लाल, पीले और हरे रंग का उपयोग करना चाहिए। इन रंगों को बहुत शुभ माना जाता है।