वास्तु-ज्योतिष

Published: Feb 29, 2024 03:05 PM IST

Mahashivratri 2024उत्तराभिमुख होकर चढ़ाएं शिवलिंग पर जल, और अवश्य जानें जल चढ़ाते हुए किन बातों का रखें ध्यान

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
महाशिवरात्रि 2024 ( फोटो-डिजाइन फोटो)

सीमा कुमारी

नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: भगवान शिव की उपासना का महापर्व ‘महाशिवरात्रि’ (Mahashivratri 2024) शिव भक्तों के लिए बेहद शुभ एवं मनोवांछित फल प्रदान हेतु बताया गया हैं। इस दिन पुराणों और आगमों के अनुसार महादेव की पूजा की जाती है। रुद्राभिषेक कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है, भक्त उनसे अपने सभी मनोरथों की पूर्ति का वर मांगते हैं।

 

कहा जाता है कि, भगवान शिव एक लोटे जल से ही प्रसन्न हो जाते हैं। शिवलिंग पर जल चढ़ाने के साथ-साथ कुछ बातों का भी ध्यान रखना बेहद जरूरी है। भोलेनाथ को पूरे विधि-विधान से जल चढ़ाने से मन की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। अगर गलत तरीके या गलत दिशा में जल चढ़ाया जाए तो महादेव नाराज हो सकते हैं। कई लोग इस बात को लेकर सोच में पड़ जाते हैं कि मंदिर के लोटे में जल चढ़ाना चाहिए या नहीं।

आइए इसके बारे में विस्तार से जानें

ज्योतिषियों की मानें तो, शिवलिंग को जल का अर्घ्य देते समय ध्यान रखें कि जल उत्तर दिशा से गिरे, यानी जलाभिषेक कर रहे श्रद्धालु का मुख उत्तर दिशा की ओर हो। कहते हैं कि, इससे देवों के देव महादेव शीघ्र प्रसन्न होते हैं।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद परिक्रमा न करें। ऐसा करने से पूजा का फल प्राप्त नहीं होता है। परिक्रमा करने के लिए शिवलिंग पर अर्पित जल को लांघना पड़ता है। शास्त्र में ऐसा करने की मनाही है। इसके लिए जल चढ़ाने के बाद परिक्रमा बिल्कुल न करें।

खड़े होकर नहीं करें जल अर्पित

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