वास्तु-ज्योतिष

Published: Sep 26, 2020 02:12 PM IST

वास्तु-ज्योतिषजानें घर की किस दिशा में होना चाहिए मंदिर

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

-सीमा कुमारी

हम अपने दिन की शुरुआत पूजा जैसे शुभ काम से करना चाहते हैं, जिससे सारा दिन अच्छे से गुजरे. हिन्दू धर्म में हर एक हिन्दू के घर में मंदिर का होना अनिवार्य है. ऐसे कम ही घर होंगे, जहाँ मंदिर न हो. घर में मंदिर होने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है. पूजा-पाठ करने के लिए घर में मंदिर बनाने की परंपरा पुराने समय से ही चली आ रही है. 

वास्तु के अनुसार पूजा स्थान उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए.  इस दिशा में पूजा घर होने से घर में तथा घर के लोगों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हमेशा बना रहता है. वस्तुतः देवी- देवतओं की कृपा के लिए घर में पूजा स्थान वास्तु दोष से पूर्णतः मुक्त होना चाहिए अर्थात वास्तुशास्त्र के अनुसार ही घर में पूजा स्थान होना चाहिए. 

पूजा स्थान यदि वास्तु विपरीत हो तो पूजा करते समय मन भी एकाग्र नहीं हो पाता और पूजा से पूर्णतः लाभ नहीं मिल पाता हैं. भारतीय संस्कृति का सकारात्मक स्वरूप ही है कि घर कैसा भी हो छोटा हो अथवा बड़ा, अपना हो या किराये का,  लेकिन हर घर में मंदिर अवश्य होता है, क्योंकि यही एक स्थान है जहाँ बड़े से बड़ा व्यक्ति भी नतमस्तक होता है तथा चुपके से ही सही अपने गलतियों का एहसास करता है और पुनः ऐसी गलती नहीं करने का भरोसा भी दिलाता है. अतः वास्तव में पूजा का स्थान घर में उसी स्थान में होना चाहिए जो वास्तु सम्मत हो.

घर में मंदिर कहाँ-कहाँ नहीं बनवाना चाहिए ?

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