वास्तु-ज्योतिष

Published: Jan 06, 2024 04:40 PM IST

Vastu Jyotishघर के मंदिर को कुछ ऐसा सजाएं, साल भर बनी रहेगी पॉजिटिविटी, जानिए क्या कहती है वास्तु

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

सीमा कुमारी

नवभारत डिजिटल टीम: नया साल (New Year 2024) दस्तक दे चुका है और हम सभी को उम्मीद है कि ये साल सभी के जीवन में सुख और समृद्धि से भरा हो। नए साल के मौके पर लोग घर में कौन सी चीज कहां होगी इसका वास्तु के मुताबिक खास ध्यान देते हैं, क्योंकि वास्तु दोष जीवन में कई ऐसी परेशानियां लेकर आता है, जो लंबे समय तक परेशान करती  हैं। हिंदू धर्म में घर के पूजा स्थल को सबसे पवित्र माना जाता है। दरअसल, घर में मंदिर वो जगह है जहां माथा टेकने पर चिंता या परेशानी से मुक्ति मिल जाती है।  

इसलिए पूरे घर के अलावा, मंदिर में वास्तु-शास्त्र (Vastu Jyotish) के नियमों पर भी खास ध्यान देना चाहिए। आपको जानकारी के लिए बता दें वास्तु शास्त्र में पूजा घर के संबंधित कुछ खास नियम हैं, जिसका पालन करने पर घर में सकारात्मकता आती है। इसके साथ ही कई प्रकार के दोष भी दूर होते हैं। माना जाता है कि जो इन नियमों का पालन नहीं करता है, वो कई परेशानियों से घिर सकते हैं। ऐसे में आइए जान लें। मंदिर से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियमों के बारे में-

वास्तु शास्त्र की मानें तो, घर में मंदिर हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए, क्योंकि ईशान कोण शुभ प्रभावों से युक्त होता है। घर के इसी क्षेत्र में सत्व ऊर्जा का प्रभाव शत-प्रतिशत होता है।

घर में बने मंदिर की पवित्रता का भी विशेष ध्यान रखें। मंदिर को हमेशा साफ- सुथरा रखें और पूजा से पहले भी साफ- सफाई जरूर करें। ऐसा करने से पूजा का फल प्राप्त होता है।

वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर के मंदिर में कभी भी दो शंख नहीं होने चाहिए। इस नए साल पर अपने मंदिर में ये बदलाव जरूर करें और इससे आपके घर में सुख और शांति का माहौल बनेगा। साथ ही भगवान भी आपसे प्रसन्न रहेंगे।

अगर आपने कोई धार्मिक ग्रंथ रखा है तो, उसे पढ़ने के लिए पूजा घर का इस्तेमाल ही करें और उन्हें पूजा स्थल पर रखें। ऐसा करने से मनोकामना पूर्ण होती है।

ज्योतिषियों का मानना है कि, पूजा स्थल पर हर दिन दीपक जलाएं और अगरबत्ती की जगह धूप प्रज्वलित करें। आपको बता दें कि ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं। वहीं, इस बात का ध्यान रखें कि दक्षिण दिशा में दीपक न जलाएं। इसे यम की दिशा माना जाता है। ऐसा करने से शारीरिक और आर्थिक समस्याएं बढ़ती हैं।

इसके अलावा, एक बात का विशेष ध्यान रखें कि पूजा स्थल बाथरूम के पास नहीं होना चाहिए। इससे नकारात्मकता में बढ़ोतरी होती है और कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती हैं।