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Published: Aug 03, 2020 11:10 AM IST

लाइफ़स्टाइलक्या है सत्यनारायण व्रत का महत्व, जानें

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

By: Mrinaal Pathak 

आज मतलब 3 अगस्त को सावन का आखरी सोमवार है. कई लोग इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा रखते हैं, साथ ही व्रत भी करते हैं. सत्यनारायण भगवान विष्णु को कहा जाता है. हिंदू धर्म में सत्य नारायण कथा काफी प्रचलित है. कहा जाता है कि जो भी यह कथा सुनता है, उसके जीवन से सारे कष्टो का निवारण होता जाता है.

तो आइए जानते हैं सत्य नारायण कथा के बारे में

एक बार नारद मुनी जी भ्रमण करते हुए मृत्यु लोक पहुंचे. जहां उन्होंने प्राणियों को अपने कर्मों के अनुसार अलग-अलग तरह के दुखों से परेशान होते देखा. जिससे उनका संतह्रदय द्रवित हो गया और वे सीधे विणा बजाते हुए भगवान श्री हरि के पास पहुंच गए और बोले- हे नाथ यदि आप मेरे ऊपर प्रसन्न है तो मृत्युलोक के प्राणियों की व्यथा हरने वाला कोई छोटा सा उपाय बताने की कृपा करें. तब भगवान हरि ने कहा- वत्स तुमने विश्व कल्याण की भावना से बहुत सुंदर प्रश्न किया है. अतः मैं तुम्हें ऐसा उपाय बताता हूं, जो स्वर्ग में भी दुर्लभ है और महान पुण्यदायक है. यह व्रत का नाम श्री सत्यनारायण व्रत है. इसे विधि विधान से करने से मनुष्य सांसारिक सुख भोग कर परलोक में भी मोक्ष प्राप्त करता है.

श्री सत्यनारायण कथा बताती है कि निर्धन, धनवान, राजा, व्यापारी ब्राह्मण या कोई अन्य वर्ग, स्त्री हो या कोई पुरुष सभी को व्रत पूजन करने का समान अधिकार है.

श्री सत्यनारायण कथा से हमें यहं शिक्षा मिलती है कि सत्यलोक ब्रह्मा हमारे अंदर विद्यमान है. हम सब सत्य के स्वरूप ही हैं, पर माया के वश में आकर नष्ट होने वाली वस्तुओं को पाने की चाह करने लगते हैं और संसार में मग्न हो जाते हैं. यह अज्ञान को त्याग कर हमें प्रभु की भक्ति में लीन हो जाना चाहिए और यह ही मानव धर्म है.