<p>[caption id="attachment_186345" align="alignnone" width="1800"]<img class="size-full wp-image-186345" src="https://www.enavabharat.com/wp-content/uploads/2020/10/coronavirus-1.jpg" alt="कोरोना वायरस (Corona virus) ने पूरी दुनिया को अपना शिकार बनाया हुआ है। इस महामारी से दुनियाभर के कई लोगों ने अपनी जान गवां दी है। " width="1800" height="1200" /> कोरोना वायरस (Corona virus) ने पूरी दुनिया को अपना शिकार बनाया हुआ है। इस महामारी से दुनियाभर के कई लोगों ने अपनी जान गवां दी है। [/caption]</p><p>[caption id="attachment_186350" align="alignnone" width="1024"]<img class="size-full wp-image-186350" src="https://www.enavabharat.com/wp-content/uploads/2020/10/LUNGS-1.jpg" alt="कोरोना वायरस इंसान के रेस्पिरेटरी सिस्टम में घुसकर फेफड़ों को बर्बाद कर देता है। जिस वजह से लोग मौत के बेहद करीब चले जाते हैं। " width="1024" height="682" /> कोरोना वायरस इंसान के रेस्पिरेटरी सिस्टम में घुसकर फेफड़ों को बर्बाद कर देता है। जिस वजह से लोग मौत के बेहद करीब चले जाते हैं। [/caption]</p><p>[caption id="attachment_186343" align="alignnone" width="1200"]<img class="size-full wp-image-186343" src="https://www.enavabharat.com/wp-content/uploads/2020/10/corona-on-lungs.jpg" alt="कोविड-19 इंसानी फेफड़ों का क्या हाल करता है, इसका एक उदाहरण कर्नाटक के 62 साल के एक मरीज़ में देखने को मिला है। कोरोना से पीड़ित मरीज़ के फेफड़े किसी 'लैदर की बॉल' की तरह सख्त हो चुके थे। जिसकी वजह से उस व्यक्ति की मौत हो गई। लेकिन मौत के 18 घंटे बाद भी उसकी नाक और गले में वायरस एक्टिव था। " width="1200" height="675" /> कोविड-19 इंसानी फेफड़ों का क्या हाल करता है, इसका एक उदाहरण कर्नाटक के 62 साल के एक मरीज़ में देखने को मिला है। कोरोना से पीड़ित मरीज़ के फेफड़े किसी 'लैदर की बॉल' की तरह सख्त हो चुके थे। जिसकी वजह से उस व्यक्ति की मौत हो गई। लेकिन मौत के 18 घंटे बाद भी उसकी नाक और गले में वायरस एक्टिव था। <br />[/caption]</p><p>[caption id="attachment_186342" align="alignnone" width="1536"]<img class="size-full wp-image-186342" src="https://www.enavabharat.com/wp-content/uploads/2020/10/KARNATAK-CASE.jpg" alt="ऑक्सफोर्ड मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर दिनेश राव के अनुसार, मरीज़ के फेफड़े कोरोना के कारण किसी लैदर की बॉल जैसे सख्त हो चुके थे। जिसकी वजह से फेफड़ों में हवा भरने वाला हिस्सा खराब हो चुका था। साथ ही कोशिकाओं में खून के थक्के भी बन चुके थे। " width="1536" height="865" /> ऑक्सफोर्ड मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर दिनेश राव के अनुसार, मरीज़ के फेफड़े कोरोना के कारण किसी लैदर की बॉल जैसे सख्त हो चुके थे। जिसकी वजह से फेफड़ों में हवा भरने वाला हिस्सा खराब हो चुका था। साथ ही कोशिकाओं में खून के थक्के भी बन चुके थे। [/caption]</p><p>[caption id="attachment_186341" align="alignnone" width="900"]<img class="size-full wp-image-186341" src="https://www.enavabharat.com/wp-content/uploads/2020/10/CORONA-TEST.jpg" alt="डॉ. राव ने शव की नाक, मुंह-गला, फेफड़ों के सरफेस, रेस्पिरेटरी पैसेज और चेहरे व गले की स्किन से पांच तरह के स्वैब सैम्पल लिए थे। जिसके बाद RTPCR टेस्ट से पता चला कि गले और नाक वाला सैम्पल कोरोना वायरस के लिए 18 घंटे बाद भी पॉजिटिव था। जिसका मतलब वह शव दूसरे लोगों को संक्रमित कर सकता है। " width="900" height="600" /> डॉ. राव ने शव की नाक, मुंह-गला, फेफड़ों के सरफेस, रेस्पिरेटरी पैसेज और चेहरे व गले की स्किन से पांच तरह के स्वैब सैम्पल लिए थे। जिसके बाद RTPCR टेस्ट से पता चला कि गले और नाक वाला सैम्पल कोरोना वायरस के लिए 18 घंटे बाद भी पॉजिटिव था। जिसका मतलब वह शव दूसरे लोगों को संक्रमित कर सकता है। [/caption]</p><p>[caption id="attachment_186339" align="alignnone" width="1200"]<img class="size-full wp-image-186339" src="https://www.enavabharat.com/wp-content/uploads/2020/10/CORONA-REPORT.jpg" alt="डॉ राव ने बताया कि शव की जांच के बाद तैयार हुई उनकी यह रिपोर्ट अमेरिका और ब्रिटेन में दर्ज हुई रिपोर्ट्स से काफी अलग है। जिसका मतलब हो सकता है कि भारत में देखे जाने वाले वायरस की नस्ल दूसरे देशों से काफी अलग है। " width="1200" height="900" /> डॉ राव ने बताया कि शव की जांच के बाद तैयार हुई उनकी यह रिपोर्ट अमेरिका और ब्रिटेन में दर्ज हुई रिपोर्ट्स से काफी अलग है। जिसका मतलब हो सकता है कि भारत में देखे जाने वाले वायरस की नस्ल दूसरे देशों से काफी अलग है। <br />[/caption]</p><p>[caption id="attachment_186340" align="alignnone" width="700"]<img class="size-full wp-image-186340" src="https://www.enavabharat.com/wp-content/uploads/2020/10/CORONA-DEATH.jpg" alt="वहीं कोरोना से मरने वाले मरीज़ के शव की जांच उनके परिवार की सहमति से ही की गई थी। " width="843" height="566" /></p><p>वहीं कोरोना से मरने वाले मरीज़ के शव की जांच उनके परिवार की सहमति से ही की गई थी। [/caption]</p>