<p>[caption id="attachment_206911" align="alignnone" width="800"]<img class="size-full wp-image-206911" src="https://www.enavabharat.com/wp-content/uploads/2020/11/mridula-sinha-governor-1.jpg" alt="मृदुला सिन्हा का जन्म श्रीमती अनुपा देवी व बाबू छबीले सिंह के यहाँ 27 नवम्बर 1942 को बिहार राज्य में मुजफ्फरपुर जिले के छपरा गाँव में हुआ था। मनोविज्ञान में एम.ए. करने के बाद उन्होंने बी.एड. किया और मुजफ्फरपुर के एक कॉलेज में प्रवक्ता हो गयीं। " width="850" height="489" /> मृदुला सिन्हा का जन्म श्रीमती अनुपा देवी व बाबू छबीले सिंह के यहाँ 27 नवम्बर 1942 को बिहार राज्य में मुजफ्फरपुर जिले के छपरा गाँव में हुआ था। मनोविज्ञान में एम.ए. करने के बाद उन्होंने बी.एड. किया और मुजफ्फरपुर के एक कॉलेज में प्रवक्ता हो गयीं। [/caption]</p><p>[caption id="attachment_206910" align="alignnone" width="600"]<img class="size-full wp-image-206910" src="https://www.enavabharat.com/wp-content/uploads/2020/11/mridula-sinha-books-1.jpg" alt="कुछ समय तक मोतीहारी के एक विद्यालय में प्रिंसिपल भी रहीं किन्तु अचानक उनका मन वहाँ भी न लगा और नौकरी को सदा के लिये अलविदा कहके उन्होंने हिन्दी साहित्य की सेवा के लिये स्वयं को समर्पित कर दिया। " width="840" height="630" /> कुछ समय तक मोतीहारी के एक विद्यालय में प्रिंसिपल भी रहीं किन्तु अचानक उनका मन वहाँ भी न लगा और नौकरी को सदा के लिये अलविदा कहके उन्होंने हिन्दी साहित्य की सेवा के लिये स्वयं को समर्पित कर दिया। [/caption]</p><p>[caption id="attachment_206905" align="alignnone" width="2200"]<img class="size-full wp-image-206905" src="https://www.enavabharat.com/wp-content/uploads/2020/11/mridula-sinha-husband-1.jpg" alt="उनके पति डॉ. रामकृपाल सिन्हा, जो विवाह के वक़्त किसी कॉलेज में अंग्रेजी के प्रवक्ता हुआ करते थे, जब बिहार सरकार में मन्त्री हो गये तो मृदुला जी ने भी साहित्य के साथ-साथ राजनीति की सेवा शुरू कर दी। “बहुत हुआ नारी पर वार, अबकी बार मोदी सरकार” यह नारा देते हुए मृदुला मोदी सरकार केंद्र में आई थी।" width="2200" height="1461" /> उनके पति डॉ. रामकृपाल सिन्हा, जो विवाह के वक़्त किसी कॉलेज में अंग्रेजी के प्रवक्ता हुआ करते थे, जब बिहार सरकार में मन्त्री हो गये तो मृदुला जी ने भी साहित्य के साथ-साथ राजनीति की सेवा शुरू कर दी। “बहुत हुआ नारी पर वार, अबकी बार मोदी सरकार” यह नारा देते हुए मृदुला मोदी सरकार केंद्र में आई थी।[/caption]</p><p>[caption id="attachment_206907" align="alignnone" width="1200"]<img class="size-full wp-image-206907" src="https://www.enavabharat.com/wp-content/uploads/2020/11/mridula-sinha-biography-1.jpg" alt="मृदुला सिन्हा एक सुविख्यात हिन्दी लेखिका के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी की केन्द्रीय कार्यसमिति की सदस्य भी थी। इससे पूर्व वे पाँचवाँ स्तम्भ के नाम से एक सामाजिक पत्रिका निकालती रही हैं।" width="1200" height="630" /> मृदुला सिन्हा एक सुविख्यात हिन्दी लेखिका के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी की केन्द्रीय कार्यसमिति की सदस्य भी थी। इससे पूर्व वे पाँचवाँ स्तम्भ के नाम से एक सामाजिक पत्रिका निकालती रही हैं।[/caption]</p><p>[caption id="attachment_206906" align="alignnone" width="670"]<img class="size-full wp-image-206906" src="https://www.enavabharat.com/wp-content/uploads/2020/11/mridula-sinha-bjp-1.jpg" alt="मृदुला ने अपने लेखन को लेकर एक इंटरव्यू में बताया था कि, &quot;मैं हॉस्टल में रहती थी। वहां कुछ पैरोडी बनाती थी, कविताएं लिखती थी। नियमित रूप से लिखना मैंने एम.ए. करने के बाद शुरू किया। मेरे ससुर जी का भी एक ही सपना था कि मेरी बहू को बड़ा अफसर बनाना है, साहित्यकार बनाना है। उनकी साहित्य में गहरी रुचि थी। वे खुद भी कविताएं लिखते थे। वे जब लगभग मरणासन्न अवस्था में थे तो ‘साप्ताहिक हिन्दुस्तान’ नामक पत्रिका में मेरी कहानी प्रकाशित हुई थी। मेरी फोटो के साथ प्रकाशित हुई उस कहानी को जब मेरे देवर ने ससुर जी को दिखाया तो उन्होंने कहा यह तो ठीक है, उसे अभी बहुत ऊंचा जाना है।&quot;" width="847" height="838" /> मृदुला ने अपने लेखन को लेकर एक इंटरव्यू में बताया था कि, "मैं हॉस्टल में रहती थी। वहां कुछ पैरोडी बनाती थी, कविताएं लिखती थी। नियमित रूप से लिखना मैंने एम.ए. करने के बाद शुरू किया। मेरे ससुर जी का भी एक ही सपना था कि मेरी बहू को बड़ा अफसर बनाना है, साहित्यकार बनाना है। उनकी साहित्य में गहरी रुचि थी। वे खुद भी कविताएं लिखते थे। वे जब लगभग मरणासन्न अवस्था में थे तो ‘साप्ताहिक हिन्दुस्तान’ नामक पत्रिका में मेरी कहानी प्रकाशित हुई थी। मेरी फोटो के साथ प्रकाशित हुई उस कहानी को जब मेरे देवर ने ससुर जी को दिखाया तो उन्होंने कहा यह तो ठीक है, उसे अभी बहुत ऊंचा जाना है।"[/caption]</p><p>[caption id="attachment_206904" align="alignnone" width="680"]<img class="size-full wp-image-206904" src="https://www.enavabharat.com/wp-content/uploads/2020/11/mridula-sinha-governor-of-goa-1-e1605702451843.jpg" alt="&quot;मैं भी वहीं खड़ी थी। मेरी आंख में आंसू आ गए और मैंने मन में सोचा अभी तो मैंने लिखना शुरू किया है और मुझे उनका आशीर्वाद भी मिल गया। राजनीति के लिए भी वे हमेशा अपने बेटे से कहते थे कि इन्हें चुनाव लड़वाइये। मेरे ससुर जी सामाजिक कार्यकर्ता थे। म. गांधी के साथ उन्होंने कई आंदोलनों में भाग लिया था। महिलाओं को समान अधिकार देना इत्यादि जैसी बातें वहीं से हमारे परिवार में आईं।&quot;" width="842" height="972" /> "मैं भी वहीं खड़ी थी। मेरी आंख में आंसू आ गए और मैंने मन में सोचा अभी तो मैंने लिखना शुरू किया है और मुझे उनका आशीर्वाद भी मिल गया। राजनीति के लिए भी वे हमेशा अपने बेटे से कहते थे कि इन्हें चुनाव लड़वाइये। मेरे ससुर जी सामाजिक कार्यकर्ता थे। म. गांधी के साथ उन्होंने कई आंदोलनों में भाग लिया था। महिलाओं को समान अधिकार देना इत्यादि जैसी बातें वहीं से हमारे परिवार में आईं।"[/caption]</p><p>[caption id="attachment_206903" align="alignnone" width="1200"]<img class="size-full wp-image-206903" src="https://www.enavabharat.com/wp-content/uploads/2020/11/mridula-sinha-twitter-1.jpg" alt="अभिव्यक्ति की आजादी पर उन्होंने कहा था कि, &quot;मुझे तो कहीं भी नहीं लगता कि अभिव्यक्ति की आजादी बाधित है। मुझे तो लगता है आजादी कुछ ज्यादा हो गई है। कोई कुछ भी लिख रहा है। अभिव्यक्ति की आजादी का दुरुपयोग हो रहा है। जैसा कि मैंने कहा साहित्य को सत्यं, शिवम, सुंदरम होना चाहिए। उसमें सत्य हो, वह कल्याणकारी हो और सुंदर भी होना चाहिए। ऐसा साहित्य नियंत्रित और समाजोन्मुख होगा।&quot;" width="1200" height="799" /> अभिव्यक्ति की आजादी पर उन्होंने कहा था कि, "मुझे तो कहीं भी नहीं लगता कि अभिव्यक्ति की आजादी बाधित है। मुझे तो लगता है आजादी कुछ ज्यादा हो गई है। कोई कुछ भी लिख रहा है। अभिव्यक्ति की आजादी का दुरुपयोग हो रहा है। जैसा कि मैंने कहा साहित्य को सत्यं, शिवम, सुंदरम होना चाहिए। उसमें सत्य हो, वह कल्याणकारी हो और सुंदर भी होना चाहिए। ऐसा साहित्य नियंत्रित और समाजोन्मुख होगा।"[/caption]</p><p>[caption id="attachment_206909" align="alignnone" width="640"]<img class="size-full wp-image-206909" src="https://www.enavabharat.com/wp-content/uploads/2020/11/about-mridula-sinha-2.jpg" alt="गोवा की राज्यपाल बनने के बाद उन्होंने वहां की संस्कृति के विषय कहा था कि, &quot;हम चावल पकाने से पहले उसको बीनते हैं। अगर बिना बीने चावल पक गए तो कभी-कभी कंकड मुंह में आ जाता है। उन कंकडों को छोड़ दिया जाए तो बाकी थाली तो चावल से भरी है। यही गोवा की संस्कृति है। यहां कुछ एक-दो नकारात्मक बातों को छोड़ दिया जाए तो यहां की संस्कृति बहुत सुंदर हैं। यहां हर त्यौहार को बहुत उत्साह से मनाया जाता है। उसकी खबरें भी अखबारों आदि में आती हैं।&quot;" width="840" height="551" /> गोवा की राज्यपाल बनने के बाद उन्होंने वहां की संस्कृति के विषय कहा था कि, "हम चावल पकाने से पहले उसको बीनते हैं। अगर बिना बीने चावल पक गए तो कभी-कभी कंकड मुंह में आ जाता है। उन कंकडों को छोड़ दिया जाए तो बाकी थाली तो चावल से भरी है। यही गोवा की संस्कृति है। यहां कुछ एक-दो नकारात्मक बातों को छोड़ दिया जाए तो यहां की संस्कृति बहुत सुंदर हैं। यहां हर त्यौहार को बहुत उत्साह से मनाया जाता है। उसकी खबरें भी अखबारों आदि में आती हैं।"<br />[/caption]</p><p>[caption id="attachment_206924" align="alignnone" width="1024"]<img class="size-full wp-image-206924" src="https://www.enavabharat.com/wp-content/uploads/2020/11/DIP-Photo-1_2.jpg" alt="उन्होंने आगे कहा था, &quot;यहां के घरों में आज भी ग्रामीण संस्कृति है। मैंने उन लोगों से कहा कि वे अपने बड़े-बड़े घरों को सुसज्जित करें। बाहर से आने वाले पर्यटकों को अपने घर में ठहराएं। उन्हें अपने गांव का कल्चर दिखाएं। आर्गेनिक खेती से निर्मित भाोजन कराएं। फाइव स्टार होटल सभी जगह एक से होते हैं। परंतु जो संस्कृति वे पर्यटक इन घरों में देखेंगे वह बिलकुल अलग होगी।&quot;" width="1024" height="704" /> उन्होंने आगे कहा था, "यहां के घरों में आज भी ग्रामीण संस्कृति है। मैंने उन लोगों से कहा कि वे अपने बड़े-बड़े घरों को सुसज्जित करें। बाहर से आने वाले पर्यटकों को अपने घर में ठहराएं। उन्हें अपने गांव का कल्चर दिखाएं। आर्गेनिक खेती से निर्मित भाोजन कराएं। फाइव स्टार होटल सभी जगह एक से होते हैं। परंतु जो संस्कृति वे पर्यटक इन घरों में देखेंगे वह बिलकुल अलग होगी।"[/caption]</p><p>[caption id="attachment_206925" align="alignnone" width="600"]<img class="size-full wp-image-206925" src="https://www.enavabharat.com/wp-content/uploads/2020/11/Mridula_Sinha_PTI.jpg" alt="श्रीमती सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमन्त्रित्व-काल में केन्द्रीय समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। उनकी पुस्तक एक थी रानी ऐसी भी की पृष्ठभूमि पर आधारित राजमाता विजया राजे सिन्धिया को लेकर एक फिल्म भी बनी थी। " width="848" height="424" /> श्रीमती सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमन्त्रित्व-काल में केन्द्रीय समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। उनकी पुस्तक एक थी रानी ऐसी भी की पृष्ठभूमि पर आधारित राजमाता विजया राजे सिन्धिया को लेकर एक फिल्म भी बनी थी।<br />[/caption]</p><p>[caption id="attachment_206926" align="alignnone" width="650"]<img class="size-full wp-image-206926" src="https://www.enavabharat.com/wp-content/uploads/2020/11/10_06_2019-mridula1_19299729.jpg" alt="भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा का आज यानी 18 नवंबर 2020 को निधन हो गया है. वह 77 वर्ष की थी. उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित कई भाजपा नेताओं ने शोक जताया है. " width="864" height="577" /> भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा का आज यानी 18 नवंबर 2020 को निधन हो गया है. वह 77 वर्ष की थी. उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित कई भाजपा नेताओं ने शोक जताया है. [/caption]</p>