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Published: Aug 31, 2020 02:36 PM IST

फोटो Happy Onam 2020 : परंपराओं का त्योहार ओणम, जानें खास बातें

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
ओणम हर साल श्रावण शुक्ल की त्रयोदशी को मनाया जाता है।

त्योहार की विशेषता यह है कि इसमें लोग मंदिरों में नहीं, बल्कि घरों में पूजा करते हैं।
ओणम की बात है, तो जैसे उत्तर भारत में दीपावली पर्व का महत्व है, उसी प्रकार केरल में ओणम पर्व को उत्साह के साथ मनाया जाता है।
मलयाली कैलेंडर कोलावर्षम के पहले महीने छिंगम यानी अगस्त-सितंबर के बीच ओणम मनाने की परंपरा कई समय से चली आ रही है। ओणम के पहले दिन को अथम कहते हैं।
केरल में महाबली नाम का एक असुर राजा था, जिसके आदर स्वरूप लोग ओणम का पर्व मनाते हैं।
हर घर के आंगन में फूलों की पंखुड़ियों से सुंदर-सुंदर रंगोलिया ‘पूकलम’ डाली जाती हैं।
फसल पकने की खुशी में लोगों के मन में एक नई उमंग, नई आशा और नया विश्वास होता है। इसी खुशी लोग श्रावण देवता और फूलों की देवी का पूजन करते हैं।
ओणम 10 दिन के लिए मनाया जाता है। इस दौरान सर्प नौका दौड़ के साथ कथकली नृत्य और गाना भी होता है।
माना जाता है कि इस 10 दिनी उत्सव का समापन थिरुओनम को होता है। उसके पीछे यह मान्यता है कि थिरुओनम के दिन ही राजा बलि अपनी प्रजा से मिलने के लिए आते हैं।
केरल में पुक्कलम यानी फूल का कालीन बनाया जाता है, लेकिन इस बार केरल में बाढ़ के चलते इन फूलों का कोई खरीददार नहीं है।