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Published: Mar 17, 2024 12:05 PM IST

Tree under Arrest 125 सालों से जंजीरों में क्यों जकड़ा है ये पेड़, भारत नहीं इस पड़ोसी देश में है स्थित

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: दुनिया में एक से बढ़कर कहानियां और रोचक किस्से होते है जिनके बारे में कम ही लोगों को जानकारी होती है। कई इतनी आश्चर्यचकित करने वाली होती है कि इनका अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है। दुनिया में एक ऐसा भी स्थित है जो 125 सालों से जंजीरों में कैद है। इसे अब तक जंजीरों से निकाला नहीं गया है। इसे लेकर रोचक कहानी है जिसके बाद से यह पेड़ कैद हो गया।
नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: दुनिया में एक से बढ़कर कहानियां और रोचक किस्से होते है जिनके बारे में कम ही लोगों को जानकारी होती है। कई इतनी आश्चर्यचकित करने वाली होती है कि इनका अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है। दुनिया में एक ऐसा भी स्थित है जो 125 सालों से जंजीरों में कैद है। इसे अब तक जंजीरों से निकाला नहीं गया है। इसे लेकर रोचक कहानी है जिसके बाद से यह पेड़ कैद हो गया।
यह पेड़ भारत नहीं बल्कि पड़ोसी देश पाकिस्तान के पेशावर में स्थित है। यहां पर पेशावर के लैंडी कोटाल नाम की बस्ती में एक गार्डन में इस पेड़ को जंजीरों से कैद करके रखा गया है। इसका किस्सा 10 या बस 15 साल नहीं करीबन सन् 1899 से प्रचलित है। इस पेड़ को एक तरीके से ब्रिटिश शासन के अत्याचार का प्रतीक भी माना जाता है। पेड़ की तरह लोगों को भी कैद कर लिया जाता है।
यहां पर इस पेड़ पर तख्ती हुई आपको दिखाई देगी जिस पर पेड़ के कैद होने की कहानी लिखी गई है जिसपर लिखा है कि ‘आई एम अंडर अरेस्ट’। इसके अलावा इस तख्ती पर किस वजह से अरेस्ट किया गया है वो कहनी भी लिखी हुई है।
इस कैदी पेड़ के पीछे की कहानी बड़ी ही दिलचस्प है तत्कालीन समय में पेशावर में एक जेम्स स्क्विड नाम का ब्रिटिश अधिकारी हुआ करता था। एक दिन नशे की हालत में और वो बार-बार पेड़ को पकड़ रहा था। तो उस अधिकारी ने अपने सिपाहियों को इस पेड़ को गिरफ्तार करने के ऑर्डर दिया। इस ऑर्डर को सिपाही डर के चलते टाल भी नहीं सकते हैं। इसके बाद से इस पेड़ को जंजीरों में कैद कर लिया गया, जब से यह पेड़ वैसे ही खड़ा रह गया।
125 सालों से सजा काट रहे इस पेड़ को देखने के लिए पाकिस्तान ही नहीं बल्कि देश-विदेश से भी लोग देखने आते है। इसे टूरिस्ट अट्रैक्शन का केंद्र भी माना जाता है।