आज का इतिहास

Published: Jan 11, 2024 12:51 PM IST

आज का इतिहास11 जनवरी को हुआ था पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का ताशकंद में निधन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

नई दिल्ली: देश के दूसरे प्रधानमंत्री और ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा देने वाले लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri ) का 11 जनवरी 1966 को निधन हुआ था। अपनी साफ-सुथरी छवि और सादगी के लिए प्रसिद्ध शास्त्री ने प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद नौ जून 1964 को प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण किया था। वह करीब 18 महीने तक देश के प्रधानमंत्री रहे।

उनके नेतृत्व में भारत ने 1965 की जंग में पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी। ताशकंद में पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के साथ युद्ध समाप्त करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद 11 जनवरी 1966 की रात में रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई थी। देश-दुनिया के इतिहास में 11 जनवरी की तारीख पर दर्ज अन्य महत्‍वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है :-   

1569 : इंग्लैंड में पहली लॉटरी की शुरुआत।

1613 : मुगल बादशाह जहांगीर ने ईस्ट इंडिया कंपनी को सूरत में फैक्टरी लगाने की इजाजत दी।

1922 : डायबिटीज के मरीजों को पहली बार इंसुलिन दी गई।

1942 : द्वितीय विश्व युद्ध में जापान ने कुआलालंपुर पर कब्जा किया।

1954 : बाल मजदूरी के खिलाफ आवाज उठाने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्‍यार्थी का जन्‍म।

1962 : पेरू के उत्तरी-पश्चिमी पहाड़ी क्षेत्र में पत्थरों और बर्फ की बड़ी-बड़ी चट्टानों के सरकने से कई गांव और शहर उसकी तह के नीचे दब गए, घटना में कम से कम दो हज़ार लोगों की मौत हुई।

1966 : तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्‍त्री का ताशकंद में निधन। वह वहां पाकिस्तान के साथ शिखर बैठक में हिस्सा लेने गए थे। 1972 : बांग्लादेश को पूर्वी जर्मनी ने मान्यता प्रदान की।

1998 : अल्जीरिया की सरकार ने दो गांवों पर हुए हमलों के लिए इस्लामी चरमपंथियों को जिम्मेदार ठहराया। इन हमलों में 100 लोगों की मौत हो गई थी।

2001 : भारत और इंडोनिशया के बीच पहली बार रक्षा समझौता।

2021 : विरासत संरक्षण समिति ने भारत के नए संसद भवन के निर्माण को मंजूरी दी।

2021 : पोप फ्रांसिस ने गिरजाघर के नियमों में बदलाव कर महिलाओं को प्रार्थना के दौरान गोस्पेल पढ़ने सहित अन्य कार्य करने की अनुमति दी। हालांकि, उनके पादरी नहीं बनने के नियम में कोई बदलाव नहीं किया गया। (एजेंसी)