आज की खास खबर

Published: Jun 02, 2020 10:40 AM IST

आज की खास खबरइतिहास में पहली बार निजी कंपनी ने भेजे स्पेस में 2 व्यक्ति

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

अब निजी कंपनियां भी अंतरिक्ष क्षेत्र में सफलतापूर्वक अपने कदम जमाने में लगी हैं। इनमें टेस्ला मोटर्स के मालिक एलन मस्क की कंपनी स्पेस-एक्स, बोइंग तथा व्यवसायी रिचर्ड ब्रान्सन की कंपनी वर्जिन गैलेटिक शामिल हैं। गत वर्ष एक अमेरिकी कंपनी स्केल्स कम्पोजिट्स ने न केवल एक निजी अंतरिक्ष यान बनाया था बल्कि एक मानव को संक्षिप्त उड़ान के लिए अंतरिक्ष में भी भेजा था। भविष्य में सामान्य यात्री भी जो कि एस्ट्रोनॉट नहीं होंगे, ऐसे निजी अंतरिक्ष यानों द्वारा अंतरिक्ष में ले जाए जा सकेंगे। ये व्यवसायिक अंतरिक्ष उड़ानें होंगी।

अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क की कंपनी स्पेस-एक्स ने नासा के सहयोग से अपने स्पेस क्राफ्ट ‘ड्रैगन’ से अमेरिका के 2 एस्ट्रोनॉट राबर्ट बेहेनकेन और डगलस हर्ले को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन भेजा। वहां ड्रैगन कैप्सूल स्पेस स्टेशन से जुड़ गया जहां पहले से इन अंतरिक्ष यात्रियों के 3 सहयोगी मौजूद थे। अंतरिक्ष यान ड्रैगन को ले जानेवाला राकेट फाल्कन-9 भी एलन मस्क की कंपनी स्पेस-एक्स ने बनाया था। इस अंतरिक्ष उड़ान को डेमो-2 का नाम दिया गया।

रिटायर हो गए नासा के 3 अंतरिक्ष यान
नासा के लिए किसी निजी अमेरिकी कंपनी के स्पेसक्राफ्ट से एस्ट्रोनॉट की यह पहली उड़ान थी। नासा के 3 अंतरिक्षयान डिस्कवरी, एटलांटिस और एंडेवर औपचारिक रूप से 2011 में रिटायर हो गए। यह बात अलग है कि अभी ये यान और भी कई अंतरिक्ष उड़ानों के लायक थे। वैसे यह काफी खर्चीले पड़ते थे। नासा की 2 स्पेस शटल- चैलेंजर 1986 में और कोलंबिया 2003 में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। हर दुर्घटना में 7-7 अंतरिक्ष यात्री मारे गए थे। कोलंबिया शटल वापसी के समय अंतरिक्ष में जल गई थी जिसमें मरने वालों में हरियाणा में जन्मी भारतीय अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का समावेश था। इसके बाद अमेरिकी सरकार ने स्पेस शटल कार्यक्रम बंद कर दिया था।

सामान्य यात्री करेंगे अंतरिक्ष की सैर
स्पेस-एक्स की उड़ान 10 वर्षों से ज्यादा चले प्रयासों का नतीजा है जिसमें निजी कंपनियों को व्यावसायिक रूप से स्पेसक्राफ्ट बनाकर अंतरिक्ष में टैक्सी सर्विस चलाने का मौका दिया गया। इस दौरान नासा ने गहन अंतरिक्ष में जाने तथा चंद्रमा व मंगल पर मानव को ले जाने का प्रयास करने में अपने उपक्रमों पर ध्यान देना शुरू किया है। विगत वर्षों में नासा ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर पहुंचने के लिए रूसी अंतरिक्ष यानों का इस्तेमाल किया जिसके लिए रूस को हर ट्रिप के लिए करोड़ों डॉलर देने पड़ते थे। नासा ने स्पेस-एक्स व बोइंग जैसी निजी कंपनियों के साथ सहयोग किया जिससे अंतरिक्ष की सैर करने वालों के लिए स्पेसशिप बनाया जा सके। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भी 2028 के आसपास रिटायर हो जाएगा। नया स्टेशन बनाने के लिए लगभग 10 देश और निजी कंपनियां सहयोग कर सकती हैं। 1969 में अमेरिका के नील आर्मस्ट्रांग, एडविन एल्ड्रिन और माइक कॉलिन्स ने चंद्रमा पर कदम रखा था। अब फिर कुछ वर्षों बाद नासा मानवयात्रियों सहित चंद्रमा पर जाने का अभियान शुरू कर सकता है जिसमें निजी कंपनियों की भी भूमिका होगी।