आज की खास खबर
Published: Dec 10, 2021 12:45 PM ISTआज की खास खबरसरकार के अहंकार की हार, किसानों की बड़ी जीत
सरकार के अहंकार और अदूरदर्शिता की बुरी तरह हार हुई जब उसे 1 वर्ष से भी अधिक समय तक दृढ़ता के साथ चले किसान आंदोलन के सामने घुटने टेकने पड़े. 3 कृषि कानूनों को वापस लिया जाना किसान आंदोलनकारियों की बहुत बड़ी जीत है. किसानों से कोई राय न लेते हुए तथा संसद में चर्चा कराए बगैर ये कानून पारित कराए गए और फिर उन्हें उसी तरह बगैर चर्चा के सिर्फ 4 मिनट में वापस लेकर सरकार ने दिखा दिया कि वह कितनी अलोकतांत्रिक है.
किसानों की एकजुटता ने सरकार की अकड़ को ठंडा कर दिया. अपने पिता महेंद्रसिंह टिकैत के समान ही राकेश टिकैत प्रभावशाली किसान नेता साबित हुए जिनके नेतृत्व में किसानों ने दमनकारी नीतियों लाठी प्रहार, मौसम की मार से जूझते हुए अपना लंबा संघर्ष जारी रखा.
किसानों का गुबार जब गुस्से में बदला था तो उन्होंने गाजीपुर बार्डर पर आकर दिल्ली को घेर लिया था. इस आंदोलन को खालिस्तानी कहकर बदनाम करने और फूट डालने के सरकारी प्रयास नाकाम रहे और सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा यह राहत की बात है एक वर्ष से भी ज्याद समय से दिल्ली सीमाओं पर चल रहा किसान आंदोलन अब कामयाबी के साथ समाप्त हो गया है. एमएसपी पर कमेटी बनाने और आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुए मामलों को वापस लेने का केंद्र सरकार की ओर से लिखित आश्वासन मिलने के बाद किसानों में आंदोलन खत्म करने पर सहमति बनी.
किसान नेताओं ने कहा कि 11 दिसंबर को किसान सड़कें खाली कर देंगे और विजय जुलूस के साथ अपने घरों को लौटना शुरू कर देंगे. आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने के मुद्दे पर यूपी और हरियाणा सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है. किसान नेताओं ने यह भी चेतावनी दी कि यदि सरकार अपने वादों से पीछे हटेगी तो किसान फिर सड़कों पर उतर सकते हैं. 15 जनवरी को संयुक्त किसान मोर्चा समीक्षा बैठक करेगा इस आंदोलन की वजह से जनता को काफी दिक्कतें भी उठानी पड़ी क्योंकि सिंधु और गाजीपुर बार्डर पर धरने से यातायात बाधित हो गया था.