आज की खास खबर

Published: Apr 12, 2022 02:55 PM IST

आज की खास खबरहिंदुत्व पर सेना-BJP आमने-सामने

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

किसी विचारधारा पर वर्चस्व दिखाने के लिए राजनीतिक दलों में होड़ लगना आश्चर्यजनक नहीं है. ऐसी ही प्रतिस्पर्धा शिवसेना और बीजेपी के बीच है. कोल्हापुर विधानसभा उपचुनाव के समय वह और उभरकर आ गई. हिंदुत्व के मुद्दे पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बीजेपी की जमकर खिंचाई की. वीडियो कांफ्रेंसिंग से कोल्हापुर में सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा का भगवा असली नहीं है. इस नकली आवरण को फाड़ना होगा.

शिवसेना का जन्म 1966 में हुआ. तब से शिवसेना ने अब तक कभी भी अपना झंडा, रंग या नेता नहीं बदला. जबकि बीजेपी लालकृष्ण आडवाणी और अटलबिहारी वाजपेयी तक को भूल गई. कहीं भी उनका फोटो नहीं दिखाई देता. लोकसभा चुनाव हो या सरपंच का चुनाव, हर जगह सिर्फ नरेंद्र मोदी का चेहरा दिखता है. उद्धव ने प्रश्न किया कि मोदी पीएम हैं या गांव के सरपंच? शिवसेना ने बीजेपी को छोड़ा है, हिंदुत्व के मुद्दे को नहीं! बीजेपी का अर्थ हिंदुत्व नहीं है.

बीजेपी ने हिंदुत्व का ठेका नहीं लिया है. बीजेपी हमेशा भगवे की रक्षा के लिए मैदान में उतरने की बात कहती है, जबकि असली भगवा शिवसेना का है. बीजेपी की ओर से देश में दूसरा हिंदू सम्राट बनाने का प्रयास किया गया जबकि हिंदू हृदय सम्राट के रूप में केवल बाल ठाकरे को याद किया जाता है. बीजेपी के लोग उन्हें भूल गए, इसीलिए उन्होंने समृद्धि महामार्ग को बाल ठाकरे का नाम नहीं दिया.

कोल्हापुर उत्तर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी जयश्री जाधव का प्रचार करते हुए उद्धव ने यह भी कहा कि हम कम पड़ेंगे तो चलेगा लेकिन झूठ कभी नहीं बोलेंगे. शिवसेना सामने से वार करती है, पीठ पर खंजर नहीं मारती. युति हमने नहीं तोड़ी, बल्कि बीजेपी ने तोड़ी. बेलगांव नगरपालिका से भगवा झंडा बीजेपी ने उतारा.

अमित शाह ने वचन नहीं निभाया

उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हुई चर्चा का पुन: उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि शाह ने मुख्यमंत्री पद का वचन दिया था. चुनाव जीतने के बाद बीजेपी ने वचन का पालन नहीं किया था. हम पर आरोप लगाने की बजाय बीजेपी अपनी ओर देखे. उद्धव ने आरोप लगाया कि 2019 में बीजेपी ने कांग्रेस को कोल्हापुर में छुपी मदद की थी. हम बीजेपी के समान गुप्त समझौता नहीं करते. पीठ पर वार करने की हमारे यहां परंपरा नहीं है. 2014 में अचानक किसने युति तोड़ी? 2019 में युति में रहते हुए बीजेपी के 40,000 वोट कहां गए? आमतौर पर यही माना जाता है कि शिवसेना का हिंदुत्व प्रखर और आक्रामक किस्म का है जबकि बीजेपी का हिंदुत्व नरम है. जब अयोध्या में बाबरी ढांचा टूटा था तो बीजेपी नेता सीधी जिम्मेदारी लेने से कतरा रहे थे लेकिन तब शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने कहा था कि यदि मेरे किसी शिवसैनिक ने ढांचा तोड़ा है तो मुझे उस पर गर्व है.

फडणवीस ने भी सुना दिया

विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन हो जाने के बाद शिवसेना छद्म निरपेक्ष हो गई है. एक पदाधिकारी ने तो बाल ठाकरे को जनाब तक कहकर संबोधित किया. इससे ही साबित होता है कि शिवसेना हिंदुत्व से दूर चली गई है. फडणवीस ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बहुत बदतर है. समझ में नहीं आता कि यह महाराष्ट्र है या बंगाल! कोल्हापुर में आतंक का वातावरण है. इसके बावजूद जनता घरों से निकलकर वोट डालने आएगी.