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Published: Nov 06, 2020 11:50 AM IST

नवभारत विशेषखाड़ी देशों से पैसा आया कम, कई परिवार मुश्किल में

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

भारत के उन राज्यों के लोगों के लिए आर्थिक कठिनाइयां कुछ ज्यादा ही बढ़ गई हैं जिनके परिवार का कोई न कोई सदस्य खाड़ी देशों या अमेरिका व यूरोप में नौकरी करता था और धन कमाकर भेजा करता था. वहां दिरहम, दीनार या डॉलर में अच्छी कमाई करने वाले केरल, दिल्ली, यूपी, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, बिहार व बंगाल के लोगों को कोरोना संकट की वजह से बेरोजगार होना पड़ा. वंदे भारत मिशन के तहत 137 देशों से 18 लाख से ज्यादा लोग भारत लौट आए. स्वदेश लौटकर उन्हें या तो काम नहीं मिला या काफी कम वेतन पर नौकरी करने की नौबत आ गई. भारतीय रिजर्व बैंक की ताजा रिपोर्ट के अनुसार विदेश से भारत भेजी जाने वाली रकम में 8.7 प्रतिशत की गिरावट आ गई. केरल में बहुत ज्यादा जॉब मोबिलिटी रही है. वहां प्राय: हर दूसरे-तीसरे घर से कोई न कोई गल्फ कंट्रीज में काम करने जाता रहा है. केरल में मछली पकड़ने, मसालों की खेती व पर्यटन के अलावा कोई काम नहीं है. विदेश से लगभग 80 अरब डॉलर की रकम प्रतिवर्ष आती थी. विदेश से लौटने वाले लोगों को भारत आने के बाद नए सिरे से रोजगार देना सभी राज्यों के लिए चुनौती है. कोरोना संकट के बाद विदेश जाने वालों की तादाद भी घटी है. 2019 में 3.60 लाख लोग विदेश गए जबकि 2020 में केवल 85,000 लोग ही विदेश जा सके. स्टार्टअप को बढ़ावा देकर भारत लौटे हुए श्रमिकों की समस्या का कुछ हद तक निदान निकाला जा सकता है. उनके पास हुनर और अनुभव है जिसका लाभ उन्हें मिल सकता है. इतने पर भी देश में होने वाली कमाई, विदेश में किए गए धनार्जन से कम ही रहती है.