आज की खास खबर

Published: Dec 19, 2023 03:50 PM IST

आज की खास खबरजहर देने की बात अफवाह या सच, दाऊद को लेकर पाकिस्तान खामोश क्यों?

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

– वीना गौतम

1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट के मास्टरमाइंड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के बारे में खबर है की है कि किसी ने उसे जहर दे दिया है, जिससे उसकी हालत खराब है और वह उपचार के लिए कराची के जिस अस्पताल में एडमिट है, उसकी सुरक्षा व्यवस्था किसी किले के माफिक कर दी गई है. पाकिस्तान की पुलिस, सेना या सरकार ने, अभी तक इस खबर की अधिकृत ढंग से पुष्टि नहीं की है. इसके बावजूद पाकिस्तान में अफरातफरी मची हुई है, देश के ज्यादातर हिस्से में इंटरनेट ठप्प कर दिया गया है, फेसबुक, ट्विटर (एक्स) तथा सोशल मीडिया के तमाम दूसरे मंचों को जहां और जिस हालत में है, वहीं उन्हें जाम कर दिया गया है, इससे लग रहा है कि पाकिस्तान या तो इस सूचना के युग में अफवाह युद्ध का रिहर्सल कर रहा है या फिर वह एक झूठ को छिपाते छिपाते इस कदर हड़बड़ा गया है कि अब उसे सूझ ही नहीं रहा कि क्या करे? दाऊद इब्राहिम वह शख्स है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा हिंदुस्तान में कुख्यात है.

मुंबई बम ब्लास्ट का मुख्य अभियुक्त और भारत में तीन दर्जन से ज्यादा संगीन अपराधों के लिए जिम्मेदार तथा पाकिस्तान में रहते हुए भारत तथा दुनिया के कई हिस्सों में आतंकवाद फैलाने का गुनहगार दाऊद अगर वाकई पाकिस्तान में नहीं है, जैसा कि पाकिस्तान की सरकार और उसकी अधिकृत एजेंसियां हमेशा कहती रही हैं, तो फिर जो तूफानी अफवाह का दौर चल रहा है, आखिर पाकिस्तान उस सबको अधिकृत रूप से गलत क्यों नहीं ठहरा रहा? पाकिस्तान या तो खुद बहुत व्यवस्थित ढंग से एक अफवाह युद्ध का रिहर्सल कर रहा है, जैसे पिछले दिनों उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने साजिद मीर को जहर देने की एक कहानी हवा में उड़ाई थी, जो दो हफ्तों बाद पता चली कि अफवाह थी.

तमाम आशंकाएं इसलिए गहराती जा रही हैं, क्योंकि पाकिस्तान ने कभी भी अधिकृत रूप से भारत के इस आरोप को नहीं स्वीकारा कि अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में रह रहा है. हालांकि भारतीय खुफिया एजेंसियों ने ही नहीं बल्कि अमेरिका और इजराइल की खुफिया एजेंसियों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में रह रहा है. लेकिन अधिकृत रूप से हमेशा पाकिस्तान ऐसे सभी आरोपों को झुठलाता रहा है. भारत का मीडिया कई बार अकाट्य साक्ष्यों के जरिये पाकिस्तान में दाऊद इब्राहिम के एक दो नहीं बल्कि नौ ठिकानों की खोजबीन करके दुनिया को बताता रहा है.

पाकिस्तान के साथ डिप्लोमेटिक स्तर पर जब भी भारत ने अपने मोस्ट वांटेड अपराधियों को हैंडओवर करने के लिए जो भी डोजियोर सौंपे हैं, उसमें हमेशा दाऊद इब्राहिम का नाम शामिल रहा है. कई विदेशी मीडिया में भी बार-बार इस बात की पुष्टि होती रही है कि कराची के क्लिफटन रोड में व्हाइट हाउस नाम से दाऊद इब्राहिम का बंगला है, जहां वह अपने पूरे परिवार के साथ रहता है. इसके अलावा पाकिस्तानी सेना द्वारा संरक्षित दाऊद का एक ठिकाना कराची में डिफेंस कालोनी के बंगला नंबर 37 में भी बताया जाता है.

यही नहीं मीडिया में कई बार दाऊद के अनेक पासपोर्ट भी सामने आ चुके हैं. इतने सबके बाद भी पाकिस्तान सरकार हमेशा ऐसे तमाम आरोपों को झूठ का पुलिंदा ही कहती रही है. लेकिन अगर यह सब कुछ झूठ है तो फिर पाकिस्तान की सरकार दाऊद संबंधी अफवाहों को झूठ क्यों नहीं कह रही? कहीं ऐसा तो नहीं है कि सचमुच दाऊद को किसी प्रतिद्वंदी गैंग ने जहर देकर मरवा दिया हो और पाकिस्तान को अब यह न सूझ रहा हो कि इस सच्चाई का सामना कैसे करें? इसलिए वह अपने इस नॉन स्टेट एक्टर की खबर को लेकर पुष्टि कैसे करे? पुष्टि करता है तो साबित होता है कि वह कैसे दुनिया के लिए खतरनाकर भस्मासुरों की पनाहगाह है. कोई न कोई बात तो जरूर है.

या तो सचमुच में दाऊद का काम तमाम हो गया है या फिर पाकिस्तान दुनिया के आंखों में धूल झोंककर उसे कहीं बाहर या ज्यादा सुरक्षित जगह में शिफ्ट कर रहा है. लेकिन पाकिस्तान से आ रही यह अफवाह सूचना क्रांति की दयनीयता की भी पोल खोल रही है. पूरी दुनिया एक ग्लोबल विलेज में तब्दील हो चुकी है, जब पलक झपकते कोई भी सूचना दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने में पहुंच सकती है. उस दौर में भी अगर छत्तीस घंटों से ज्यादा समय तक एक अफवाह पूरे तौर पर अफवाह ही बनी रहे तो फिर हम इसे सूचना युग क्यों कहते हैं?