आज की खास खबर
Published: May 03, 2022 01:22 PM ISTआज की खास खबरपंजाब में फिर से खालिस्तान की आहट क्यों
खेद ही नहीं, चिंता की बात है कि पंजाब में आज भी अलगाववादी ताकतें सिर उठाने की ताक में हैं तभी तो वहां खालिस्तान का नारा गूंजा. पटियाला में खालिस्तान स्थापना दिवस मनाने वाले तत्वों ने विश्व फॉर जस्टिस की घोषणा करते हुए मार्च निकाला. इसमें निहंगों सहित कुछ सिख संगठन शामिल हुए. इसके विरोध में शिवसेना (बाल ठाकरे) नामक संगठन के सदस्यों ने ‘खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च’ निकाला. कालीमाता मंदिर के पास दोनों विरोधी गुट आमने-सामने आ गए और एक दूसरे पर पथराव किया. बवाल मचने के बाद पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी. पंचाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस झड़प को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि वह राज्य में किसी को भी अशांति का माहौल पैदा नहीं करने देंगे. इस प्रकार की स्थिति से चिंतित कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पटियाला से जो दृश्य सामने आए हैं, वे परेशान करने वाले हैं पंजाब जैसे संवेदनशील सीमावर्ती राज्य के लिए शांति और सौहार्द्र सबसे ज्यादा जरूरी है. यह प्रयोग करने की जगह नहीं है. पंजाब सरकार को कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए.
कौन बाहर लाया बोतल का भूत
खालिस्तान आंदोलन के पीछे पाकिस्तान और देशद्रोही ताकतों का हाथ रहा है. कनाडा व ब्रिटेन में भी खालिस्तान समर्थक तत्व सक्रिय हैं. वे प्रचार करते हैं कि देश विभाजन के बाद मुस्लिमों का पाकिस्तान मिल गया और हिंदुओं के पास भारत रहा लेकिन सिखों को क्या मिला. इसके लिए वे ऐसे खालिस्तान की मांग करते हैं जिसमें भारत का पंजाब राज्य तथा पाकिस्तानी कब्जे का पंजाब प्रांत व अन्य पंजाबी भाषी इलाके हों. यह एक शरारतपूर्ण और देशद्रोही मांग है जो भारत का एक और विभाजन चाहती है. खालिस्तान समर्थक शरारती तत्वों को ऐसे बाहरी मुल्कों से आर्थिक व शस्त्रों की मदद मिलती है जो भारत की एकता, अखंडता को नष्ट करना चाहते हैं. जब पंजाब में ऐसी ताकतें सक्रिय हुई थी तब सुपरकॉम कहलाने वाले केपीएस मिल ने ऐसे देशद्रोहियों का दमन किया था. जरनैलसिंह भिंडरवाले ने केंद्र सरकार को खुली चुनौती दी थी और अलगावादी ताकतों का नेतृत्व कर रहा था. आपरेशन ब्ल्यू स्टार के जरिए भिंडरावाला का सफाया किया गया. इसके बाद 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों सतवंत सिंह व केहर सिंह ने हत्या कर दी. खालिस्तानियों ने एक विमान का अपहरण भी किया था. जिसमें बहादुर एयरहोस्टेस नीरजा भनोत को जान गंवानी पड़ी थी. सिख फॉर जस्टिस समूह की मांग ही है कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के दोषियों को कड़ी सजा दी जाए.
पटियाला में बड़ी कार्रवाई
पटियाला में हुई हिंसा के बाद पंजाब सरकार ने वहां के आईजी, एसपी, एसएसपी और एसएचओ का तबादला कर दिया. शांति स्थापना के लिए इंटरनेट और एसएमएस सेवा बंद कर धारा 144 लगा दी. केंद्रीय मंत्री व बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने कहा कि पंजाब में कानून व्यवस्था खत्म हो गई है. मुख्यमंत्री भगवंत मान पंजाब में कम और बाहर ज्यादा वक्त गुजार रहे हैं. अकाली नेता चरणजीत वराड ने कहा कि ‘आप’ वालों से हालात संभल नहीं रहे हैं. मुख्यमंत्री मान ने कहा कि यह सिखों की लड़ाई नहीं है. दो राजनीतिक दलों के लोग आपस में लड़ रहे हैं. ऐसी स्थिति में उपद्रवी तत्वों पर काबू पाया जाना चाहिए. खालिस्तान जैसा अलगाववादी मुद्दा फिर नहीं उभरना चाहिए.