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Published: Jan 26, 2021 11:11 AM IST

नवभारत विशेषनीतीश को आलोचना बिल्कुल बर्दाश्त नहीं

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने आदेश जारी किया है कि राज्य सरकार, उसके मंत्रियों, विधायकों, सांसदों व अधिकारियों के खिलाफ ऑनलाइन की जाने वाली आपत्तिजनक टिप्पणी को साइबर क्राइम माना जाएगा और ऐसा करने वाला दंड का पात्र होगा. इसका मतलब यही हुआ कि आलोचना-असहमति की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी.

सरकार की जवाबदेही को लेकर भी सवाल नहीं उठाए जा सकेंगे. बीजेपी के दम पर चल रही नीतीश सरकार का यह रवैया लोकतांत्रिक तो कदापि नहीं है. इसी प्रकार केरल सरकार ने गत वर्ष नवंबर में ऐसा ही कानून संशोधन किया था, जिसके अनुसार धमकी देने या अपमानजनक मैसेज पोस्ट करने वाले को जेल की सजा का प्रावधान था. इस असंवैधानिक कदम के खिलाफ आवाज उठाए जाने पर इसे वापस ले लिया गया था.

नीतीश कुमार ‘सुशासन बाबू’ कहे जाते हैं. उन्होंने सड़क निर्माण से लेकर कानून व्यवस्था में सुधार जैसे काम भी किए हैं. महिलाओं को पंचायत में 50 प्रतिशत आरक्षण देकर उनका सशक्तिकरण किया है, फिर उनकी सरकार ऐसा आदेश क्यों जारी कर रही है कि आलोचना बर्दाश्त नहीं होगी. यह लोकतंत्र से कदापि सुसंगत नहीं है. ऐसी बंदिश लगाने पर उन्हें जनमत की जानकारी भी नहीं मिल पाएगी. अब तक बने कानून पर्याप्त हैं फिर अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने वाले इस नए प्रावधान की क्या जरूरत है?